मुंगेर के हवेली खड़गपुर के तेलियाडीह पंचायत में डीएम नवीन कुमार ने जनकल्याणकारी योजनाओं का लिया जायजा। जहां स्कूल पहुंच बच्चो को पढ़ाया तो स्कूल के शिक्षकों की लगाई क्लास।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
मुंगेर जिले के जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार ने अपने क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत हवेली खड़गपुर प्रखंड के तेलियाडीह पंचायत का दौरा किया। इस दौरान वे अपने पूरे दल-बल के साथ पंचायत क्षेत्र में पहुंचे और वहां की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया। भ्रमण का उद्देश्य था – सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को परखना तथा ग्रामीणों की समस्याओं और आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से समझना।
योजनाओं की समीक्षा: आवास, नल-जल और नली-गली
जिलाधिकारी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर नल-जल योजना, तथा नली-गली योजना के कार्यान्वयन की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद कर यह जाना कि इन योजनाओं से उन्हें कितना लाभ मिल रहा है और क्या कोई परेशानी आ रही है। ग्रामीणों ने कुछ योजनाओं में गति धीमी होने की बात भी साझा की, जिसे सुनने के बाद डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों में तेजी लाई जाए और लाभार्थियों तक योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचे।
शिक्षा की गुणवत्ता का परीक्षण: मध्य विद्यालय पुरुषोत्तमपुर में निरीक्षण
जन योजनाओं के अवलोकन के बाद जिलाधिकारी ने शिक्षा व्यवस्था की स्थिति जानने के उद्देश्य से तेलियाडीह पंचायत स्थित मध्य विद्यालय पुरुषोत्तमपुर का दौरा किया। विद्यालय में पहुंचते ही वे एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए और बच्चों की कक्षा में प्रवेश कर पढ़ाई की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने गणित विषय की कक्षा में उपस्थित छात्रों से लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) और महत्तम समापवर्त्य (HCF) से संबंधित प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर हल करने को कहा। बच्चों के प्रदर्शन को देखकर उन्होंने शिक्षक मुकेश कुमार से नियमित पढ़ाई की जानकारी ली।
कंप्यूटर शिक्षा में लापरवाही पर कार्रवाई
जब जिलाधिकारी कंप्यूटर कक्षा में पहुंचे, तो उन्होंने बच्चों से सिलेबस के अनुसार प्रश्न पूछे, जिनमें पेंटिंग और कंप्यूटर शिक्षा से जुड़े प्रश्न शामिल थे। लेकिन बच्चों द्वारा संतोषजनक उत्तर न देने पर उन्होंने पाया कि पिछले 6 महीनों में बच्चों को ठीक से कंप्यूटर शिक्षा नहीं दी गई है। इस लापरवाही के लिए कंप्यूटर शिक्षक मनीष कुमार की जिम्मेदारी तय की गई और प्रधानाचार्य को निर्देशित किया गया कि उनका वेतन तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
पर्यावरण की कक्षा में शिक्षक का असंतोषजनक प्रदर्शन
पंचम वर्ग में ‘पर्यावरण और हम’ विषय की कक्षा में जिलाधिकारी ने छात्रों से पटना से नाथुला यात्रा से संबंधित प्रश्न पूछा, जिसका उत्तर शिक्षक रामदेव पासवान नहीं दे सके। जब जिलाधिकारी ने बीज के विखंडन (Seed Dispersal) पर सवाल किया, तो शिक्षक इस पर भी संतोषजनक उत्तर देने में असमर्थ रहे।
मानसिक रूप से बीमार शिक्षक की पहचान और निर्देश
जांच के दौरान जब पता चला कि एक शिक्षक मानसिक रूप से बीमार हैं और पढ़ाने में असमर्थ हैं, तो जिलाधिकारी ने तत्काल जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को निर्देश दिया कि वे ऐसे शिक्षकों की पहचान कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष: शिक्षा में सुधार की दिशा में सख्त कदम
जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार ने स्पष्ट कहा कि सरकार की कोशिशों के बावजूद अभी भी कई विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार अवश्य हुआ है, लेकिन कुछ शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन सख्त कदम उठाएगा और लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि हर पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी सुविधाओं की निगरानी प्रशासनिक स्तर पर की जाएगी ताकि आम जनता को लाभ मिल सके और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो।