मुंगेर जिले में गंगा नदी के किनारे हो रहे अवैध सफेद बालू और मिट्टी खनन ने न केवल जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। गंगा की गोद में बसे इस ऐतिहासिक जिले में अब बालू माफियाओं का आतंक साफ दिखाई देने लगा है। स्थानीय प्रशासन के बार-बार कार्रवाई के दावों के बावजूद अवैध खनन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
56 किलोमीटर का बालू घाट और बिना लाइसेंस के खनन
मुंगेर जिले की गंगा नदी का तट लगभग 56 किलोमीटर लंबा है, जो राज्य के प्राकृतिक संसाधनों में एक अमूल्य संपत्ति है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे तट पर किसी भी सफेद बालू घाट को सरकार द्वारा लाइसेंस नहीं दिया गया है। इसके बावजूद इन घाटों से धड़ल्ले से बालू निकाला जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।
बालू माफिया की दबंगई और प्रशासनिक तंत्र की नाकामी
खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस और खनन विभाग की आंखों के सामने ही अवैध खनन कर रहे हैं। प्रशासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है, लेकिन इन माफियाओं पर लगाम लगाने में अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिल सकी है। स्थानीय लोगों की मिलीभगत और माफियाओं की ताकत के चलते स्थिति और भी विकराल हो गई है।
छापेमारी में पुलिस को भारी विरोध का सामना
जिले में जब भी पुलिस अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई करती है, तो उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ता है। हाल ही में ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब मुंगेर ट्रैफिक डीएसपी प्रभात रंजन को सूचना मिली कि गंगा किनारे से अवैध रूप से बालू और मिट्टी ट्रैक्टरों के जरिए ईंट भट्टों तक पहुंचाई जा रही है। इससे न केवल सरकारी जमीन का नुकसान हो रहा था, बल्कि स्थानीय सड़कों की हालत भी बद से बदतर होती जा रही थी।
हेरुदियारा में ट्रैक्टर का पीछा और गिरफ्तारी
प्राप्त सूचना के आधार पर जब डीएसपी प्रभात रंजन ने कासिम बाजार थाना क्षेत्र के हेरुदियारा में एक होटल के पीछे छापेमारी की, तो वहां एक ट्रैक्टर अवैध रूप से गंगा मिट्टी लेकर ईंट भट्ठे की ओर जा रहा था। पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने ट्रैक्टर को खेत की ओर मोड़ दिया और भागने लगा। पीछा करने पर ट्रैक्टर का खलासी कंटीले तार में फंस गया, जिससे पुलिस ने उसे दबोच लिया। हालांकि, चालक मौके से फरार होने में सफल रहा।
पुलिस कार्रवाई के विरोध में जुटे स्थानीय लोग
जब पुलिस पकड़े गए खलासी को ले जा रही थी, तभी बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए और पुलिस कार्रवाई का विरोध करने लगे। इसके बावजूद डीएसपी प्रभात रंजन ने स्थिति को संभालते हुए खलासी को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा और फिर थाना ले जाकर विधिसम्मत कार्रवाई की।
डीएसपी का बयान: बालू माफियाओं पर कार्रवाई जारी
डीएसपी प्रभात रंजन ने मीडिया को बताया कि मुंगेर जिले में गंगा के किनारे कल्याणपुर से लेकर हेमजापुर तक अवैध बालू खनन हो रहा है। यह सिलसिला काफी समय से जारी है और प्रशासन को इसकी पुख्ता जानकारी मिल रही है। उन्होंने यह भी माना कि ऐसे मामलों में छापेमारी करना बेहद जोखिम भरा कार्य है, क्योंकि पुलिस को स्थानीय लोगों के विरोध के साथ-साथ माफियाओं की धमकियों का भी सामना करना पड़ता है।
एसपी का सख्त रुख: जांच और जवाबदेही तय
मुंगेर एसपी द्वारा इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि यदि पुलिस या किसी अन्य विभाग की संलिप्तता इस अवैध खनन में पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रशासन की ओर से एक स्पष्ट संदेश है कि अब इस काले खेल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष: क्या रुक पाएगा अवैध खनन का यह सिलसिला?
मुंगेर में गंगा के बालू घाटों पर चल रहा यह काला खेल जिले के पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था तीनों के लिए खतरा बन चुका है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन की सख्ती के बाद क्या वाकई इस अवैध खनन पर रोक लगाई जा सकेगी या फिर यह खेल यूं ही जारी रहेगा।