मुंगेर शहर के हेड पोस्टऑफिस में सोमवार की दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक पाकेटमार ने एक उपभोक्ता की जेब काटने की कोशिश की। जैसे ही उपभोक्ता को इसकी भनक लगी, उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। “पकड़ो… पकड़ो…” की आवाज़ से पूरा पोस्टऑफिस गूंज उठा, लेकिन पाकेटमार तेजी से भागने में सफल हो गया। सुरक्षा गार्ड ने भी उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन भीड़ का फायदा उठाकर वह चकमा देकर फरार हो गया। सबसे बड़ी चिंता की बात यह रही कि पोस्टऑफिस में लगे पांच सीसीटीवी कैमरे खराब होने के कारण अपराधी की पहचान नहीं हो सकी।
कैसे हुई घटना, प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक व्यक्ति 2.50 लाख रुपये जमा करने के लिए पोस्टऑफिस आया था। इस दौरान एक पाकेटमार ने उसकी जेब काटने की कोशिश की, लेकिन उपभोक्ता को इसका एहसास हो गया। उसने तुरंत शोर मचाना शुरू किया, जिससे पाकेटमार घबरा गया और वहां से भागने की कोशिश करने लगा। पोस्टऑफिस में मौजूद अन्य लोग भी इस दौरान सकते में आ गए। सुरक्षा गार्ड ने उसे पकड़ने की कोशिश की और मेन गेट तक दौड़ाया, लेकिन पाकेटमार वहां से निकल भागा।
सीसीटीवी कैमरे खराब, पहचान नहीं हो पाई
सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि जब सीसीटीवी फुटेज देखने की बारी आई तो पता चला कि पोस्टऑफिस के पांचों कैमरे खराब पड़े हैं। सुरक्षा के लिए लगाए गए कैमरे मेंटेनेंस के अभाव में वर्षों से काम नहीं कर रहे हैं। हेड पोस्टमास्टर मुकेश कुमार ने बताया कि पोस्टऑफिस में प्रतिदिन लाखों रुपये का लेन-देन होता है, लेकिन सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। पांच सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद एक भी काम नहीं कर रहा है। यहां तक कि उनके कक्ष में लगा सीसीटीवी मॉनिटर भी खराब पड़ा है।
पोस्टऑफिस प्रशासन की लापरवाही
पोस्टऑफिस प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हेड पोस्टमास्टर ने कई बार मुख्यालय को कैमरों की मरम्मत के लिए अनुरोध किया, लेकिन फंड के अभाव का हवाला देकर इसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार की घटना के बाद वह पुनः डाक अधीक्षक को पत्राचार करेंगे ताकि सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत कराई जा सके। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पोस्टऑफिस जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं तो आम नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?
पोस्टऑफिस में सुरक्षा का अभाव, अपराधियों के हौसले बुलंद
मुंगेर का प्रधान डाकघर एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, जहां प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं और करोड़ों का लेन-देन होता है। ऐसे में सुरक्षा की अनदेखी चिंता का विषय है। शहर में बढ़ते अपराधों के बीच सीसीटीवी कैमरों का काम नहीं करना, सुरक्षा गार्डों की पर्याप्त तैनाती न होना, यह सब लापरवाही को दर्शाता है। पिछले कुछ महीनों में शहर में जेबतराशी और चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है।
जनता की मांग: सुरक्षा उपाय किए जाएं
पोस्टऑफिस में आए उपभोक्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत कराई जाए और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब तक पोस्टऑफिस में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं होगी, तब तक ऐसे अपराध होते रहेंगे।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कब तक लोग इस तरह के अपराधों का शिकार होते रहेंगे? पोस्टऑफिस जैसे संवेदनशील स्थान पर भी सुरक्षा के ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। अगर जल्द ही आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में इससे भी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और पोस्टऑफिस की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।