मुंगेर में होम गार्ड की भर्ती: तपती धूप में भी नहीं थमी होम गार्ड बनने की चाह

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मुंगेर में इन दिनों एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। होम गार्ड की बहाली को लेकर लड़के ही नहीं, बल्कि लड़कियां भी पूरे जोश के साथ मैदान में पसीना बहा रही हैं। चिलचिलाती धूप और बढ़ती गर्मी भी इनके हौसले को कम नहीं कर पा रही। लड़कियां लड़कों से एक कदम आगे बढ़कर सूर्य निकलने से पहले ही फील्ड में पहुंच रही हैं और कठिन मेहनत कर रही हैं।

बिहार में 15 हजार होम गार्ड की बहाली का सुनहरा मौका

बिहार सरकार ने 15 हजार होम गार्ड के पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। इसके लिए आवेदन फॉर्म भी भरे जा चुके हैं। अब जल्द ही अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। इस भर्ती प्रक्रिया में सबसे अहम चरण फिजिकल टेस्ट है। क्योंकि यहीं से उम्मीदवारों के चयन की दिशा तय होगी। इसी कारण लड़के-लड़कियां पूरी ताकत से फिजिकल परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं।

फिजिकल टेस्ट में क्या-क्या शामिल है?

होम गार्ड भर्ती के फिजिकल टेस्ट में कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ शामिल हैं, जैसे:

  • हाइट मापना

  • दौड़

  • ऊंची कूद

  • गोला फेंकना

इन सभी परीक्षणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना जरूरी है। उम्मीदवारों को अपनी फिटनेस और क्षमता का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाना होगा, तभी वे चयन की दौड़ में बने रह सकते हैं।

लड़कियों का बढ़ता आत्मविश्वास और मेहनत

इस बार होम गार्ड भर्ती में एक अनोखी तस्वीर देखने को मिल रही है। लड़कों के साथ-साथ बड़ी संख्या में लड़कियों ने भी फार्म भरा है। और इन लड़कियों में जोश और जज़्बा देखने लायक है। वे दिन-रात एक करके अपनी तैयारी में लगी हुई हैं। लड़कियां सुबह सूरज उगने से पहले पोलो मैदान में पहुंच जाती हैं और घंटों तक दौड़, ऊंची कूद और गोला फेंक जैसी कठिन गतिविधियों का अभ्यास करती हैं।

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पोलो मैदान बना तैयारी का मुख्य केंद्र

मुंगेर का पोलो मैदान इन दिनों युवाओं के सपनों का केंद्र बन चुका है। चाहे सुबह हो या दोपहर, मैदान में लड़के-लड़कियां फिजिकल ट्रेनिंग करते नजर आते हैं। लड़कियां भी बिना किसी झिझक के, पूरी निष्ठा के साथ कठिन अभ्यास कर रही हैं। उनके चेहरों पर पसीने की बूंदें जरूर हैं, लेकिन हौसले में कोई कमी नहीं है। हर लड़की के भीतर एक लक्ष्य है — होम गार्ड बनकर अपनी और अपने परिवार की पहचान बनाना।

समाज में लड़कियों की बढ़ती भागीदारी

युवतियों ने बातचीत में बताया कि अब महिलाएं भी घरों की चारदीवारी से बाहर निकल रही हैं और हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो या अब सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी, हर जगह लड़कियां अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। सरकार ने लड़कियों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आरक्षण का प्रावधान किया है, और लड़कियां इस मौके का भरपूर लाभ उठा रही हैं।

ट्रेनर्स भी लड़कियों की मेहनत से प्रभावित

पोलो मैदान में प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर्स ने भी लड़कियों की मेहनत की खुलकर तारीफ की। उनका कहना है कि लड़कियां लड़कों से भी ज्यादा मेहनत कर रही हैं। वे नियमित रूप से सुबह और दोपहर के समय मैदान में पहुंचती हैं, बिना किसी शिकायत के कठिन अभ्यास करती हैं। उनकी लगन और मेहनत को देखकर लगता है कि वे आने वाली परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करेंगी।

होम गार्ड की वर्दी पहनने का सपना

हर लड़की के दिल में एक सपना है — वर्दी पहनकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना। और इस सपने को सच करने के लिए वे हर कठिनाई को पार कर रही हैं। उनके लिए यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की राह है। वे जानती हैं कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है, इसलिए वे बिना रुके, बिना थके आगे बढ़ रही हैं।

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निष्कर्ष : मेहनत रंग लाएगी

मुंगेर में जो जज्बा और जुनून लड़कियों के बीच देखने को मिल रहा है, वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा है। जब लड़कियां भी मैदान में पसीना बहाकर अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं, तो यह बदलाव का संकेत है। आने वाले समय में जब ये युवतियां वर्दी पहनकर समाज की सेवा करेंगी, तब उनकी मेहनत और संघर्ष की असली जीत होगी। बस अब जरूरत है, इसी मेहनत को जारी रखने की और अपने सपनों को हकीकत में बदलने की।

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