मुंगेर में दी मुंगेर जमुई सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “जमा वृद्धि योजना” के अंतर्गत “खाता खोलो अभियान” और “केसीसी ऋण वितरण शिविर” के रूप में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों और ग्रामीण जनों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना, आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना था।
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में हुआ आयोजन
इस विशेष आयोजन की अध्यक्षता बिहार सरकार के सहकारिता विभाग के माननीय मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने की। उनके नेतृत्व में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। डॉ. कुमार ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए सहकारिता आंदोलन की आवश्यकता और किसानों के हित में सरकार की योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस मौके पर मुंगेर के लोकप्रिय विधायक श्री प्रणव कुमार भी उपस्थित रहे। साथ ही को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सभी पदाधिकारी, कर्मचारीगण एवं आम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस आयोजन में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं का समन्वय और भागीदारी स्पष्ट रूप से देखने को मिली, जिससे यह एक व्यापक जनहितकारी पहल बन गई।
कृषि ऋण वितरण से किसानों में उत्साह
मुंगेर किला परिसर में स्थित बैंक के सभागार में आयोजित इस विशेष शिविर में मंत्री डॉ. प्रेम कुमार द्वारा कुल 17 लाभुकों को 50-50 हजार रुपये की कृषि ऋण राशि वितरित की गई। सभी लाभार्थी किसान थे, जो अपने खेतों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस ऋण का उपयोग करेंगे। इस ऋण से उन्हें खाद, बीज, सिंचाई आदि के साधन जुटाने में मदद मिलेगी।
लाभुकों के चेहरे पर खुशी और संतोष साफ झलक रहा था। उन्होंने राज्य सरकार और सहकारिता बैंक का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार की योजनाएं वास्तव में किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाली होती हैं।
सरकार की नीतियों से बदल रहा है किसान का जीवन
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब किसानों की समस्याओं पर कोई गंभीरता से ध्यान नहीं देता था। लेकिन जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता में आई, किसानों की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की शुरुआत की, जिससे किसानों को समय पर कम ब्याज दर पर ऋण मिलना शुरू हुआ।
इसके पश्चात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों के साथ-साथ पशुपालकों और मत्स्यपालकों को भी आर्थिक सहायता देने के लिए योजनाएं शुरू कीं। आज की तारीख में गौ पालन, मछली पालन जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोग भी सहकारिता बैंकों से आसानी से कम ब्याज पर 5 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
सहकारिता बैंकों के विस्तार की योजना
मंत्री ने यह भी बताया कि बिहार सरकार की योजना है कि राज्य के हर जिले में सहकारिता बैंक की शाखाएं खोली जाएं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के किसान, मजदूर और छोटे व्यवसायी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित न रहें। इससे न केवल बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
पैक्स के माध्यम से फसलों का उचित मूल्य
सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) के माध्यम से फसलों की खरीद करवा रही है। इससे किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिल रही है और उन्हें अपनी मेहनत का सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है। मंत्री ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं और उनकी सेवा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
सरकार का संकल्प: हर समस्या का समाधान
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसानों की हर समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे वह बीज की कमी हो, सिंचाई की समस्या हो, या फिर उचित बाजार न मिल पाने की चुनौती — सरकार हर मोर्चे पर किसानों के साथ खड़ी है। सहकारिता बैंक, पैक्स, और अन्य संस्थानों के सहयोग से किसानों को एक मजबूत आर्थिक आधार देने का प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष: किसानोन्मुख नीतियों की सफलता का प्रमाण
यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार, बैंक और समाज मिलकर कार्य करते हैं, तो सकारात्मक बदलाव निश्चित रूप से संभव होता है। खाता खोलो अभियान और केसीसी ऋण वितरण शिविर जैसे कार्यक्रमों से न केवल बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बढ़ता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।
मुंगेर में आयोजित यह शिविर निश्चित रूप से अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा, जहाँ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजनाओं को गति देने की आवश्यकता है। किसान अगर मजबूत होंगे, तो देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।