मुंगेर जिले के जमालपुर स्टेशन पर कुली का काम कर रहे किशोर कुमार शर्मा के जीवन में उस समय भूचाल आ गया, जब उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी किरण देवी घर से अचानक गायब हो गई है। किशोर रोज़ की तरह 25 तारीख को सुबह अपने काम पर स्टेशन गया था, तभी उसकी पत्नी ने मौके का फायदा उठाकर अपने प्रेमी रत्नेश्वर कुमार के साथ घर छोड़ दिया। इस दौरान उसने अपनी दो मासूम बच्चियों को घर में अकेला छोड़ दिया।
बिखरता परिवार और मासूम बेटियां
घटना के समय किशोर की दो बेटियाँ घर में थीं, जिन्हें मां की कोई खबर नहीं थी। जब पिता घर लौटे तो बेटियों ने बताया कि मां किसी के साथ चली गई है। यह सुनते ही किशोर को गहरा आघात लगा और वह पूरी तरह टूट गया। पत्नी का इस तरह बच्चों को छोड़कर चले जाना न केवल एक सामाजिक अपराध है, बल्कि नैतिक रूप से भी एक शर्मनाक कृत्य है।
बेवफा पत्नी और प्रेमी की प्रेम कहानी
स्थानीय लोगों के अनुसार, किशोर की पत्नी किरण देवी की पहचान रत्नेश्वर कुमार नामक युवक से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और धीरे-धीरे यह रिश्ता प्रेम संबंध में बदल गया। उन्होंने पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को दरकिनार करते हुए अपने निजी स्वार्थ को प्राथमिकता दी।
पति की हालत खराब, थानों और दफ्तरों के चक्कर
पत्नी के भागने के बाद से किशोर कुमार जैसे पागल हो गए हैं। उन्होंने जमालपुर थाना, एसपी कार्यालय, और अपने ससुराल तक हर जगह जाकर मदद की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कहीं से कोई ठोस जानकारी या सहायता नहीं मिली। हर जगह से मायूसी हाथ लगी।
बेहोशी और अस्पताल में भर्ती
लगातार दौड़-भाग, मानसिक तनाव और गहरे आघात के कारण किशोर कुमार की तबीयत बिगड़ गई। सोमवार को जब वह एक बार फिर पत्नी की तलाश में निकले, तो सड़क पर बेहोश होकर गिर पड़े। राहगीरों ने उन्हें उठाकर मुंगेर सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां अब उनका इलाज चल रहा है।
14 साल का रिश्ता टूटा चंद पलों में
किशोर कुमार ने बताया कि उनकी शादी को 14 साल हो चुके हैं। वह भले ही कम कमाई करते हों, लेकिन अपने परिवार से बेहद प्यार करते थे। पत्नी को उनकी आमदनी से शिकायत थी, और उसी दौरान उसकी रत्नेश्वर से जान-पहचान हुई। धीरे-धीरे दोनों ने रिश्ता बढ़ाया और आखिरकार घर छोड़कर फरार हो गए।
धमकियों का दौर और प्रशासन से निराशा
अब किशोर कुमार पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ पत्नी की बेवफाई और दूसरी तरफ ससुराल पक्ष की धमकियाँ। उन्होंने बताया कि जब वह ससुराल पहुंचे, तो उल्टा उन्हें ही धमकाया गया। वहीं पुलिस प्रशासन से अब तक कोई ठोस सहायता या आश्वासन नहीं मिला है।
समाज के लिए सबक और चेतावनी
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि जब रिश्तों में विश्वास खत्म हो जाता है, तो पूरा परिवार बर्बाद हो सकता है। ऐसे मामलों में कानून को भी सख्ती से काम लेना चाहिए ताकि मासूम बच्चों और पीड़ित पति को न्याय मिल सके।
मुंगेर की यह घटना न केवल एक दर्दनाक प्रेम-प्रसंग का परिणाम है, बल्कि उस सामाजिक ढांचे पर भी सवाल खड़े करती है जहां रिश्तों की बुनियाद को स्वार्थ और लालच से तोड़ा जा रहा है।