मुंगेर में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, तीन कारीगर गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार बरामद

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मुंगेर जिले के जमालपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर बस्ती में एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा कर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। जिला पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एसटीएफ के सहयोग से एक विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। इस संयुक्त ऑपरेशन के तहत अवैध रूप से चल रहे मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह इलाका जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधी न सिर्फ संगठित रूप से काम कर रहे थे बल्कि प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास भी कर रहे थे।

भारी मात्रा में बरामद हुआ हथियारों का जखीरा

छापेमारी के दौरान पुलिस और एसटीएफ की टीम को फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में अर्ध निर्मित अवैध हथियार और हथियार बनाने वाले उपकरण बरामद हुए। इसमें 19 अर्ध निर्मित देसी पिस्टल, अर्ध निर्मित बैरल, एक हैवी लेथ मशीन, एक ड्रिल मशीन, दो मोबाइल फोन तथा भारी मात्रा में कच्चा माल और हथियार निर्माण से संबंधित अन्य उपकरण शामिल हैं। यह फैक्ट्री पूरी तरह से तकनीकी रूप से तैयार की गई थी और पेशेवर तरीके से हथियारों का निर्माण किया जा रहा था, जिससे यह साबित होता है कि यह कार्य लंबे समय से संचालित हो रहा था।

तीन कारीगरों की गिरफ्तारी, पहचान भी हुई सार्वजनिक

पुलिस ने इस ऑपरेशन के दौरान तीन हथियार बनाने वाले कारीगरों को मौके से रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जमालपुर थाना क्षेत्र के रामपुर बस्ती निवासी भारत सिंह का पुत्र बृजेश कुमार सिंह उर्फ कारे सिंह, रवि कुमार उर्फ रवि शर्मा और मोहम्मद रेहान उर्फ बिट्टू के रूप में की गई है। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि इनके नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और ये हथियार किन-किन जगहों पर सप्लाई किए जाते थे।

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मकान मालकिन ने जताई अनभिज्ञता

जहां पर यह अवैध फैक्ट्री चलाई जा रही थी, वह मकान बृजेश कुमार सिंह उर्फ कारे सिंह की मां का बताया जा रहा है। उन्होंने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि उनके बेटे ने दो महीने पूर्व ही मकान के पिछले हिस्से को किसी को किराए पर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि कमरे में क्या बनाया जा रहा था। हालांकि पुलिस इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं यह बयान सच्चाई को छुपाने के लिए तो नहीं दिया गया है।

आगे की कार्रवाई जारी

पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर जमालपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस गन फैक्ट्री का संचालन कब से किया जा रहा था और इसके पीछे किन लोगों का हाथ है। इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि ये हथियार किन असामाजिक तत्वों को सप्लाई किए जा रहे थे। इस मामले में एसटीएफ की भूमिका सराहनीय रही जिसने गुप्त सूचना को गंभीरता से लेते हुए पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया।

 

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