मुंगेर जिले में नक्सलियों द्वारा एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की बड़ी साजिश रची गई। नक्सलियों ने भीमबांध के घने जंगलों में स्थित राजासराय-कंदनी के बीच कच्ची सड़क के नीचे एक शक्तिशाली पाइप आईईडी बम लगाया था। यह बम विशेष रूप से सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से लगाया गया था। हालांकि, सतर्क सुरक्षा बलों ने समय रहते इस साजिश को विफल कर दिया और बम को बरामद कर लिया गया।
सुरक्षा बलों की तत्परता से टली बड़ी घटना
सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ते ने विशेष सतर्कता बरतते हुए जंगल के भीतर ही बम को निष्क्रिय किया। बम की विस्फोटक क्षमता काफी अधिक थी और अगर यह फटता तो भारी जानमाल का नुकसान हो सकता था। इस पूरी कार्रवाई में एसटीएफ, सीआरपीएफ और मुंगेर पुलिस की संयुक्त टीम शामिल थी।
नक्सली गतिविधियों के खिलाफ जारी है अभियान
दरअसल, मुंगेर के जंगली इलाकों में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इससे बौखलाए नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के उद्देश्य से यह बम प्लांट किया था। लेकिन सुरक्षाबलों की सजगता और त्वरित कार्रवाई के कारण उनकी यह साजिश नाकाम हो गई।
एसटीएफ को मिली थी गुप्त सूचना
इस पूरी कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब जमालपुर स्थित एसटीएफ टीम को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई। सूचना के अनुसार, राजासराय और कंदनी के बीच वन विभाग द्वारा बनाई गई कच्ची मोरंग सड़क पर एक संदिग्ध बिजली का तार सड़क के किनारे से निकला हुआ देखा गया था। हाल ही में हुई बारिश के कारण मोरंग बह गया था, जिससे यह तार दिखाई देने लगा।
बम की विशेषता और बरामदगी की प्रक्रिया
सूचना मिलते ही एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंची और वहां से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर राजासराय तथा एक किलोमीटर पहले कंदनी के पास नीले रंग की बिजली का तार देखा गया। इस सूचना पर पुलिस अधीक्षक द्वारा एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम में एसटीएफ, सीआरपीएफ (पेसरा यूनिट) और खड़गपुर थाना की टीमें शामिल थीं।
बम निरोधक दस्ते ने पूरी एहतियात के साथ खुदाई की और पाइप आईईडी बम को बरामद किया। यह बम लगभग 6 से 7 किलोग्राम वजनी था, जिसकी लंबाई डेढ़ फीट और डायमीटर 3 इंच था।
जंगल में ही किया गया विस्फोट
बरामद बम को जंगल के भीतर सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सीआरपीएफ की बम निरोधक टीम ने नियंत्रित विस्फोट के जरिए निष्क्रिय किया। वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि विस्फोट कितना शक्तिशाली था। यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि नक्सलियों की साजिशें अब लगातार नाकाम हो रही हैं।