मुंगेर में श्री श्री रविशंकर जी का आगमन: दिव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन और आध्यात्मिक प्रवचन

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आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी आज सोमवार को बिहार के मुंगेर पहुंचे। उनके आगमन से पूरे क्षेत्र में एक आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। जमालपुर के जेएसएस ग्राउंड में आयोजित इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने और उनके प्रवचन सुनने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को प्राचीन दिव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराए और जीवन में तनाव और बीमारियों से मुक्त रहने के महत्वपूर्ण सूत्र बताए।

प्राचीन ज्योतिर्लिंग का रहस्य

अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार को मुंगेर पहुंचे श्री श्री रविशंकर जी ने बताया कि यह दिव्य ज्योतिर्लिंग हजारों साल पुराना है। उन्होंने खुलासा किया कि महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण के दौरान इस ज्योतिर्लिंग को खंडित कर दिया था। लेकिन इसकी एक महत्वपूर्ण पवित्र शिला को अग्निहोत्री परिवार ने पीढ़ियों तक सुरक्षित रखा। अब यह दिव्य शिला उन्हें इस परिवार द्वारा सौंप दी गई है।

उन्होंने कहा कि यह पत्थर सामान्य शिलाओं की तरह नहीं है, बल्कि इसमें विशेष चुंबकीय शक्तियां हैं। यही कारण है कि यह पूरे विश्व में अनोखा और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली है। वे इस पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराने के लिए यात्रा पर निकले हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसकी ऊर्जा को महसूस कर सकें।

मुंगेर आने की खास वजह

श्री श्री रविशंकर जी ने बताया कि वे पहली बार मुंगेर आए हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि देश के विभिन्न स्थानों में जब-जब वे प्रवचन करने गए, लोगों ने उन्हें मुंगेर आने का निमंत्रण दिया। इसी कारण उन्होंने इस आध्यात्मिक भूमि पर आने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि मुंगेर की संस्कृति, आध्यात्मिकता और योग साधना की गहरी परंपरा ने उन्हें यहां आकर्षित किया।

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मनुष्य जीवन का वास्तविक उद्देश्य

अपने प्रवचन में उन्होंने जीवन के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव शरीर ईश्वर का अनुपम उपहार है। इसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, बल्कि इसे शक्ति, युक्ति, भक्ति और मुक्ति के मार्ग पर लगाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि—

शक्ति से जीवन में आत्मबल आता है।
युक्ति से व्यक्ति अपने कार्यों को कुशलता से कर सकता है।
भक्ति से जीवन में श्रद्धा, प्रेम और आनंद का संचार होता है।
मुक्ति ही अंतिम लक्ष्य है, जहां मनुष्य परम शांति को प्राप्त करता है।
ध्यान और प्राणायाम से समस्याओं का समाधान
उन्होंने कहा कि जीवन में कठिन परिस्थितियों से घबराने की जरूरत नहीं है। हर समस्या का हल ध्यान और प्राणायाम में छुपा है। सांसों पर नियंत्रण से मन को शांत किया जा सकता है, जिससे तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे प्राणायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और हर दिन कुछ समय ध्यान के लिए अवश्य निकालें।

सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार

कार्यक्रम में उपस्थित लाखों लोगों ने उनके प्रवचनों से प्रेरणा ली और ध्यान व योग के महत्व को समझा। इस दौरान श्री श्री रविशंकर जी ने सभी से आग्रह किया कि वे सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करें और समाज में प्रेम, शांति और सद्भावना बनाए रखने में योगदान दें।

इस भव्य कार्यक्रम के समापन पर श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ जयघोष किया और उनके द्वारा बताए गए जीवन के मूल मंत्रों को अपनाने का संकल्प लिया।

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