आज महाष्टमी के मौके पर देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर के चंडिका स्थान में श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़, मां के जयकारे से गूंज उठा पूरा मंदिर परिसर, श्रद्धालुओं के भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का किया गया व्यापक इंतजाम।
पूजा अर्चना और जलार्पण
दरअसल मुंगेर के वासुदेवपुर स्थित देश के 52 शक्तिपीठों में से एक चंडिका स्थान में आज महाअष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ा। अहले सुबह से ही माता के दर्शन और जलार्पण के लिए भक्त लंबी-लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए। और मां चंडिका के जयकारों से पूरा शक्तिपीठ परिसर गूंज उठा और वातावरण भक्तिमय हो गया।
ऐतिहासिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यही वह पवित्र स्थल है जहां माता सती का बायां नेत्र गिरा था। इसी कारण यहां नेत्र की विशेष पूजा होती है। और महाअष्टमी के पावन अवसर पर अलग अलग जगहों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे। भक्त माता के गर्भगृह में जलार्पण कर पूजा-अर्चना करने के साथ ही अपने परिवार के सुख, समृद्धि और मंगलकामना के लिए प्रार्थना कर किया।
सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था
इस मौके पर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग लाइनें बनाई गई हैं, साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भी तैनाती की गई है। भीड़ को नियंत्रित करने और किसी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए जगह-जगह दंडाधिकारी और स्वयंसेवक मौजूद हैं। भक्तों ने माता के दरबार की महिमा का बखान करते हुए कहा कि यह आस्था का ऐसा केंद्र है जहां दुखी और परेशान लोग आते हैं और माता की कृपा से उनके कष्ट दूर हो जाते हैं।
श्रद्धालु ने कहा कि माता के दरबार में रोते हुए तो सब आते हैं, लेकिन माता की कृपा से वापस हंसते हुए लौटते हैं। और बताते चलें कि महाअष्टमी पर मुंगेर का यह शक्तिपीठ पूरी तरह से आस्था और भक्ति में डूबा नजर आया। आज माता के जयकारे और घंटियों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।