पटना से चोरी हुई बाइक मुंगेर में बरामद, पुलिस ने खरीदार को किया गिरफ्तार

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मुंगेर, निज संवाददाता। कोतवाली थाना की पुलिस ने बुधवार की देर रात वाहन जांच के दौरान पटना से चोरी हुई बाइक को मुंगेर में बरामद कर लिया। यह बाइक एक नंबर ट्रैफिक के समीप चेकिंग के दौरान जब्त की गई। पुलिस ने इस मामले में चोरी की बाइक खरीदने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी सफियासराय थाना क्षेत्र के फरदा निवासी सुमन कुमार है, जो कम कीमत पर यह बाइक खरीदने में शामिल था।

कैसे हुई चोरी की बाइक की पहचान?

कोतवाली थानाध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि रात के समय एक नंबर ट्रैफिक चौक पर वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान एक बाइक सवार को रोका गया और उसके दस्तावेजों की जांच की गई। जब पुलिस ने बाइक के कागजात स्कैन कर जांच की, तो यह बाइक चोरी की निकली। इस बाइक का पाटलीपुत्र थाना, पटना में केस दर्ज था, जिसकी कांड संख्या 11/22 थी।

मालिक से संपर्क और पुष्टि

बाइक चोरी की पुष्टि करने के लिए पुलिस ने तत्काल ही बाइक के पंजीकृत मालिक से संपर्क किया। बाइक मालिक प्रफुल्ल कुमार, जो दिघा घाट पटना का निवासी है, ने पुष्टि की कि यह उसकी ही बाइक है। उसने बताया कि 06 जनवरी 2022 को उसकी बाइक पटना से चोरी हो गई थी, और उसने इसके संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

 

गिरफ्तार आरोपी का कबूलनामा

पुलिस ने जब बाइक चला रहे सुमन कुमार से पूछताछ की, तो उसने स्वीकार किया कि उसे पहले से ही पता था कि यह बाइक चोरी की है। इसके बावजूद, उसने इसे सस्ते दामों में अपने पड़ोसी मणिकांत कुमार से खरीद लिया था। मणिकांत ने उसे भरोसा दिलाया था कि वह जल्द ही बाइक को उसके नाम पर ट्रांसफर करवा देगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और पुलिस की जांच में यह खुलासा हो गया।

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आरोपी पर कानूनी कार्रवाई

कोतवाली थानाध्यक्ष ने बताया कि चोरी की बाइक खरीदने वाले सुमन कुमार के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उसे जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा और जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, इस मामले में बाइक बेचने वाले मणिकांत कुमार की भी तलाश जारी है।

 

बाइक चोरी रोकने के लिए पुलिस की अपील

इस घटना के बाद पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी वाहन को खरीदते समय उसके दस्तावेजों की पूरी जांच कर लें। चोरी के वाहनों को खरीदना भी अपराध की श्रेणी में आता है, और ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस का कहना है कि यदि किसी को कोई संदेहास्पद वाहन मिलता है, तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय थाना को दें ताकि अपराध पर लगाम लगाई जा सके।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वाहन चोरी का गिरोह अभी भी सक्रिय है, लेकिन पुलिस की सख्त निगरानी से अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकता है। वाहन जांच के दौरान सतर्कता बरतने और नागरिकों के सहयोग से ही इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।

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