भगवान को पाने के लिए उनके भक्त किसी भी कष्ट को झेलने को तैयार रहते है। चाहे कितनी भी कठोर तपस्या क्यों ना हो वे भगवान दरबार में हाजरी लगाने पहुंच ही जाते है। कुछ एक ऐसा ही भक्त से मुलाकात मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर हुआ। जो 105 किलोमीटर की यात्रा रास्ते भर जमीन पर लोट लोट कर पूरा करते बाबाधाम देवघर जाते दिखे। यह देखकर हर कोई हैरान था। और हर हर महादेव के नारे लगा रहे थे।
सुल्तानगंज से जल भरकर लोट लोट कर जा रहे हैं, बाबा धाम
दरअसल भक्त के मन में अपने महादेव बाबा भोले नाथ के दर तक पहुंचने की सच्ची लगन हो तो हर मुश्किल से मुश्किल रास्ते या हर कठिन से कठिन साधना करते भक्त बाबा के दरबार तक पहुंच ही जाते है। ऐसे ही महादेव के एक भक्त 55 वर्षीय सुरेश प्रसाद सिंह है जो समस्तीपुर से आए थे। उनसे मुलाकात मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर हों गई। जो सुल्तानगंज के उत्तर वाहिनी गंगा घाट से जल भरकर बाबाधाम तक 105 किलोमीटर की यात्रा रास्ते भर जमीन में गोल गोल लोट लोट कर पूरा करते दिखे। इतनी कष्ट पूर्ण साधना करते हुए भी उनके चेहरे पर एक सिकन तक नहीं था। जब वे लोट लोट कर कच्ची कांवरिया पथ पर आगे बढ़ते है। तो अन्य कांवरिया सहज ही उन्हें रास्ता देकर श्रद्धापूर्वक उन्हें नमन करते दिखे।
105 KM की कठोर यात्रा कैसे पूरा करते हैं ये भक्त
सुरेश प्रसाद ने वे बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले है। वह पिछले दो साल से वो इस तरह से ही लोट लोट कर बाबा के दरबार बाबाधाम देवघर पहुंचते है। इससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। और न तो उन्हें चोट लगता है न कहीं खरोंच लगता है। उन्होंने बताया कि पथरीले रास्ते पर भी ऐसे जमीन पर लोट लोट कर वह आगे बढ़ते है। यह यात्रा वे 20 से 21 दिनों में पूरा करते है । उन्होंने कहा कि बाबा ने सब कुछ उन्हें दिया है। कोई चीज की कमी नहीं है। और यही कारण है कि जब बाबा बुलाते है तो वे बाबा के पास पहुंच जाते है।
अटूट आस्था का अद्भुत उदाहरण
बताते चलें कि विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में कच्ची कांवरिया पथ होते हुए हर रोज लाखों कांवरिया बाबाधाम देवघर जा रहे है। इस दौरान कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा भोलेनाथ की अलग अलग रूप भी देखने को मिल रहे है। कोई अनोखे कांवर को लेकर जा रहे है तो कोई स्वयं महादेव का रूप धारण किए। तो कोई अनोखे अनोखे कांवर को लेकर बाबा के दरबार जा रहे है। उसी में एक यहां सुरेश प्रसाद है। जो बाबा के भक्ति में लीन होकर जमीन में लोट लोट कर 105 किलो की यात्रा कर बाबाधाम जा रहे है।