मुंगेर सदर अस्पताल में एसीएमओ कार्यालय में शुक्रवार को नेत्रदान पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया. जिसकी अध्यक्षता एसीएमओ डॉ आनंद शंकर शरण सिंह ने किया. संचालन नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रईस ने किया. मुख्य अथिति सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय थे। सिविल सर्जन ने बताया की नेत्र दान केवल मरणोपरांत ही होता है. इसके लिए किसी निर्धारित उम्र की जरूरत नहीं होती. लेकिन नेत्र दान के लिए परिवार के सदस्यों की सहमति जरूरी है।
इसलिए नेत्रदान के लिए खुद के साथ परिवार को भी जागरूक होना जरूरी है. उन्होंने कहा की इसी को लेकर जिले में 25 सितंबर से 8 अगस्त तक नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है. एसीएमओ ने बताया की नेत्रदान में केवल कॉर्निया लिया जाता है. जबकि कॉर्निया का ही किसी जरूरतमंद को ट्रांसप्लांट किया जाता है. नेत्रदान के जरिए हम अपने बाद दो लोगों को नेत्र दे सकते हैं. इसलिए हम सभी को नेत्रदान के लिए जागरूक होने की जरूरत है।
उन्होंने बताया की अभी एजीएमएस शेखपुरा में नेत्र बैंक है. नेत्रदान के लिए इच्छुक व्यक्ति सदर अस्पताल आकार अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते है. जिसका डोनेशन फॉर्म भरकर आईजीएमएस को भेजा जाएगा. वहीं फार्म में परिवार के सदस्यों की सहमति जरूरी है. कॉर्निया एक उत्तक है. डोनर और रिसीवर दोनों को इसके लिए पैसा नही देना होता है। वही नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ रईस ने बताया की किसी भी डोनर के मौत के 6 घंटे के बाद ही उसका कॉर्निया लिया जा सकता है।
जबकि कॉर्निया लेने के बाद 4 दिनों के अंदर इसका जरूरतमंद को ट्रांसप्लांट किया जाना जरूरी है नहीं तो 4 दिन बाद कॉर्निया खराब हो जाता है. उन्होंने बताया कि 1905 में पहला कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ था. जबकि 1945 में पहला आई बैंक बनाया गया था. मौके पर डा किस्टो, डॉ ध्रुव, डॉ बीएन सिंह, आरबीएसएक की समन्यवक डॉ बिंदु सहित अन्य मौजूद थे.