मुंगेर में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए एसपी कार्यालय में एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले के पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराधों के तकनीकी पहलुओं पर शिक्षित करना और उन्हें प्रभावी जांच-पड़ताल के लिए तैयार करना था। आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए इस तरह के प्रशिक्षण से पुलिस बल की दक्षता बढ़ेगी और अपराधियों के खिलाफ सटीक कार्रवाई संभव हो पाएगी।
प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में प्रशिक्षण
कार्यशाला में मुंगेर प्रक्षेत्र के उच्चस्तरीय पुलिस अधिकारी मौजूद थे। इसमें डीआईजी राकेश कुमार, एसपी सैयद इमरान मसूद, डीएसपी सदर अभिषेक आनंद और साइबर डीएसपी सिया भारती के अलावा जिले के सभी थानों के अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए। इस आयोजन से स्पष्ट होता है कि पुलिस प्रशासन साइबर अपराध से निपटने को लेकर गंभीर है और जिले में तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है।
विशेषज्ञ प्रशिक्षक द्वारा प्रदान की गई जानकारी
पटना से आए साइबर लॉ एक्सपर्ट अनिकेत कुमार ने इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए साइबर अपराध के विभिन्न तरीकों और उनके तकनीकी जांच के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे डिजिटल सबूत इकट्ठा किए जाते हैं, साइबर हमलों का पता लगाया जाता है, और अपराधियों की पहचान की जाती है। प्रशिक्षक ने साइबर अपराध की जटिलताओं को समझाने के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों को नये-नये तकनीकी उपकरणों और सॉफ्टवेयर का उपयोग करना भी सिखाया।
प्रशिक्षण का महत्व और उद्देश्य
साइबर डीएसपी सिया भारती ने बताया कि आगामी रविवार को दोपहर 11:30 बजे से साइबर थाना में अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों के लिए एक और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और उन्हें तकनीकी जांच के क्षेत्र में कुशल बनाना है। इसके अलावा, थानों में दर्ज लंबित साइबर अपराध मामलों की जांच को प्रभावी ढंग से संपादित करने में भी यह प्रशिक्षण सहायक होगा।
साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक
डिजिटल अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे आम जनता के साथ-साथ सरकारी और निजी संस्थानों को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए पुलिस बल का तकनीकी रूप से सशक्त होना आज की आवश्यकता है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से न केवल पुलिस अधिकारियों की जानकारी बढ़ेगी, बल्कि वे जनता को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक कर सकेंगे। इससे साइबर अपराधों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी।