मुंगेर में महिलाएं अब बकरी के दूध से साबुन बनाकर अपने आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने में जुटी। तो बकरी पालक महिलाएं भी अब बकरी के दूध को बेच कर कर रही है मुनाफा। सेवा भारत के तत्वाधान में SBI फाउंडेशन और आईटी की संयुक्त प्रयास पर 9 महिलाओं का SSG ग्रुप के द्वारा बनाया जा रहा goat milk soap। जिसका नाम है amoolya।
बहुआयामी कमाई का जरिया
दरअसल बकरी पालक महिलाओं की जीवन को और बेहतर बनाने को लेकर काम कर रहें सेवा भारत के पहल पर बकरी पालक महिला अब सिर्फ बकरी को पाल कर बेचने भर सीमित नहीं है । बल्कि उस बकरी से ज्यादा से ज्यादा आमदनी कैसे किया जाय इस पर भी काम कर रही है। जहां अब बकरी के अवशिष्ट से खाद बनाने का काम किया जा रहा है तो वहीं SBI फाउंडेशन और आईटीसी के पहल पर बकरी पालक 9 महिलाओं का ssg ग्रुप के द्वारा अब बकरी के हाई पौष्टिक मिल्क से वे नहाने का सुगंधित साबुन भी तैयार कर रही है। मुंगेर सदर प्रखंड के कटारिया में महिओं के द्वारा बकरी के दूध से नहाने का साबुन बनाया और बेचा जा रहा है । यह साबुन स्किन के लिय काफी ही अच्छा है ।
साबुन का नाम Amoolya Goat Milk Soap
इस साबुन का नाम उन्होंने amoolya, goat milk soap रखा है यह तीन फ्लेवर में उपलब्ध है । हालांकि की यह पहल अभी सीमित संसाधनों और स्थानीय मार्केट तक ही फैला है । पर यह आइडिया अब बकरी पालक महिलाओं के लिए एक आर्थिक मजबूती का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि महिलाएं बकरी के दूध को 400 रुपया किलों बेचती है जिससे 125 साबुन के लगभग बनाया जाता है , इतना ही नहीं वह टेक्नीशियन के साथ मिल साबुन खुद बनाती है जिसके उन्हें मेहनताना भी मिलता है और तो और वे घूम घूम के साबुन भी बेचती है जिसका कमीशन में उन्हें मिलता है जिस कारण एक साथ वे तीन कमाई करती है ।
महिलाओं ने बताया कि पहले उन्हें पैसों के लिए पति पे निर्भर रहना पड़ता था पर अब उनके पास उनका खुद का पैसा है और जरूरत पड़ने पर वे अपनी पति को मदद भी करती है ।
इंचार्ज माया देवी
वहीं संस्था की इंचार्ज माया देवी ने बताया कि सेवा भारत के द्वारा बकरी पालक महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। उसके बाद abi फाउंडेशन के फेलोशिप करने आए छात्रों के द्वारा बकरी के दूध से साबुन को बनाया गया जो काफी अच्छा था उसके बाद वे दिल्ली से इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर सर्टिफिकेट ले आई और यहां बकरी के दूध से साबुन बनाने का काम शुरू हुआ। इसमें महिलाओं का ग्रुप बना उनका बैंक में खाता खुलवाया गया अब उन महिलाएं को तीन तरफ से इनकम हो रहा है । और साबुन के गुणवत्ता और पैकेजिंग भी काफी बेहतर है ।
SBI फाउंडेशन और ITC की संयुक्त पहल
सेवा भारत की जिला समन्वयक श्रद्धा ने बताया कि बिहार में महिलाएं बकरी पालन करती है पर उसे अपना आय का कैसे साधन बनाए ये उन्हें नहीं पता था । सेवा भारत और फाउंडर आईटी मिशन सुनहरा कल ने महिलाओं को उन्नत बकरी पालन के प्रशिक्षण दिए तो वहीं sbi फाउंडेश के फेलोशिप कर रहे छात्रों ने बकरी के दूध से कैसे साबुन बनाया जाय इस पर रिसर्ज कर goat milk soap बनाने के यूनिट लगाने में काफी सहयोग दिया है ।
अब इस यूनिट को और आगे ले जाने की तैयारी की जा रही है। ताकि बकरी पालक बहनों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके ।