मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत कल्याणपुर गांव इस बार फिर से बिहार की सबसे बड़ी दिवाली मनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। यहां का दीपोत्सव अब न सिर्फ मुंगेर बल्कि पूरे बिहार में अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध हो चुका है।
11 लाख दीपों से जगमगाएगा कल्याणपुर
इस वर्ष दिवाली से एक दिन पूर्व, यानी 19 अक्टूबर को, कल्याणपुर गांव पूरी तरह से 11 लाख दीयों की रोशनी से जगमगा उठेगा। बड़ी दुर्गा महारानी मंदिर परिसर से लेकर एनएच-80 तक लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में दीप प्रज्ज्वलन किया जाएगा। यूथ क्लब कल्याणपुर की ओर से इस दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। दीप जलाने के लिए करीब 12 हजार लीटर तिल का तेल और लगभग 30 क्विंटल घी का उपयोग किया जाएगा। मंदिर परिसर में घी के दीपक और बाहरी हिस्सों में तिल के तेल के दीपक जलाने की परंपरा है। सुबह से ही दीयों में तेल और घी डालने का कार्य आरंभ हो जाएगा, ताकि शाम होते-होते पूरा क्षेत्र दीयों की रोशनी से नहा उठे।
दीप उत्सव की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई थी
यह आयोजन पिछले छह वर्षों से लगातार भव्य रूप में मनाया जा रहा है। वर्ष 2020 में पहली बार जब दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी, तब लगभग 1 लाख 75 हजार दीप जलाए गए थे। इसके बाद हर वर्ष दीपों की संख्या बढ़ती गई — 2021 में 5 लाख, 2022 में 6 लाख, 2023 में 7 लाख 50 हजार, और 2024 में 8 लाख दीप जलाकर नया रिकॉर्ड कायम किया गया। इस बार 2025 में 11 लाख दीपों के साथ इस आयोजन को और भी भव्य रूप देने की तैयारी है। यूथ क्लब के अध्यक्ष ने बताया कि इस दीपोत्सव का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद समाज में एकता, शांति और सद्भाव का संदेश फैलाना भी है।
हर वर्ष हजारों की संख्या में ग्रामीण, श्रद्धालु और दर्शक इस आयोजन में शामिल होते हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे दीपोत्सव में आकर एक दीप जलाकर इस अनोखी परंपरा का हिस्सा बनें। बताते चलें कि कल्याणपुर की पहचान केवल दीपोत्सव तक सीमित नहीं है। यहां की दुर्गा पूजा भी पूरे बिहार में प्रसिद्ध है।
यूथ क्लब के सदस्य, ग्रामीण और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया
इस वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान यहां थाईलैंड के बैंकॉक स्थित प्रसिद्ध अरुण मंदिर की तर्ज पर एक भव्य पंडाल बनाया गया था, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे। उसी तरह दीपोत्सव के दौरान भी कल्याणपुर में भारी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद की जा रही है। मंदिर परिसर और गंगा तट के आसपास की सड़कों को भी सजाया जा रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, वहीं ट्रैफिक व्यवस्था और पार्किंग के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। यूथ क्लब के सदस्य, ग्रामीण और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
कल्याणपुर का यह दीपोत्सव अब बिहार की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। यहां की दीयों की यह रोशनी सिर्फ गांव ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में एकता और आस्था का संदेश फैलाती है। जब 11 लाख दीप जलेंगे, तो कल्याणपुर एक उजाले की अद्भुत झील में तब्दील हो जाएगा — जो यह बताएगा कि असली रोशनी सिर्फ दीपों की नहीं, बल्कि एकता, प्रेम और श्रद्धा की होती है।
