मुंगेर शहर में स्थित श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय न केवल इस शहर के लिए, बल्कि पूरे बिहार राज्य के लिए एक अनमोल सांस्कृतिक एवं बौद्धिक धरोहर के रूप में जाना जाता है। यह पुस्तकालय अपने अंदर न केवल ज्ञान का भंडार समेटे हुए है, बल्कि यहाँ संग्रहित प्राचीन पांडुलिपियाँ और दुर्लभ पुस्तकें इस धरोहर को और भी विशिष्ट बनाती हैं। जिस तरह से इन ग्रंथों और पांडुलिपियों को संरक्षित और सुरक्षित किया गया है, वह वास्तव में अद्वितीय और अनुकरणीय है।
प्रमंडलीय आयुक्त का निरीक्षण
इसी कड़ी में आज प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार ने श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने पुस्तकालय के विभिन्न हिस्सों का बारीकी से अवलोकन किया। आयुक्त महोदय ने सबसे पहले वाचनालय का जायजा लिया, जहाँ पर विद्यार्थी, शोधार्थी एवं सामान्य पाठक अध्ययन करते हैं। उन्होंने देखा कि किस प्रकार से पाठकों के लिए अध्ययन का अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया गया है।
दुर्लभ संग्रहों का अवलोकन
पुस्तकालय के उन कमरों का भी निरीक्षण किया गया, जहाँ प्राचीन ग्रंथ, पांडुलिपियाँ और ऐतिहासिक दस्तावेज सुरक्षित रखे गए हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने व्यक्तिगत रूप से कई ग्रंथों को देखा और उनकी विषयवस्तु तथा संग्रह की स्थिति पर जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पुस्तकालय के संरक्षण के तौर-तरीकों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी धरोहरों का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बिहार केसरी के आवास का निरीक्षण
श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय के ऊपरी तल पर स्थित बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह के आवासीय कक्ष का भी निरीक्षण किया गया। यहाँ उनके द्वारा प्रयोग में लायी गई वस्तुएँ, जैसे कि बिस्तर, फर्नीचर, लेखन सामग्री, आदि को संरक्षित किया गया है। आयुक्त महोदय ने इन वस्तुओं को बड़े ध्यान से देखा और उनकी ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित किया।
प्रबंध समिति से संवाद
निरीक्षण के दौरान पुस्तकालय प्रबंध समिति, लाइब्रेरियन तथा अन्य संबंधित अधिकारियों से भी आयुक्त ने संवाद किया। उन्होंने पुस्तकालय की प्रबंधन व्यवस्था, पुस्तकों की विषयवस्तु, सुरक्षा उपाय, सफाई की स्थिति, और कर्मियों की उपस्थिति जैसे कई बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने पुस्तकालय की आर्थिक स्थिति और आय के स्रोतों के बारे में भी प्रश्न किए और उसकी पारदर्शिता की सराहना की।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस निरीक्षण अवसर पर नगर आयुक्त निखिल धनराज निप्पण्णिकर, आयुक्त के विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, श्री कृष्ण सेवा सदन ट्रस्ट के सचिव प्रभात कुमार, एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। सभी ने पुस्तकालय के योगदान और उसकी ऐतिहासिक भूमिका की चर्चा की।
निष्कर्ष
श्री कृष्ण सेवा सदन केवल एक पुस्तकालय नहीं, बल्कि एक संस्कृति-संरक्षण केंद्र है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान और इतिहास का अद्भुत स्रोत है। प्रमंडलीय आयुक्त का निरीक्षण इस बात का प्रतीक है कि सरकार और प्रशासन भी ऐसी धरोहरों के संरक्षण के लिए संकल्पित है।
मुंगेर शहर में स्थित श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय न केवल इस शहर के लिए, बल्कि पूरे बिहार राज्य के लिए एक अनमोल सांस्कृतिक एवं बौद्धिक धरोहर के रूप में जाना जाता है। यह पुस्तकालय अपने अंदर न केवल ज्ञान का भंडार समेटे हुए है, बल्कि यहाँ संग्रहित प्राचीन पांडुलिपियाँ और दुर्लभ पुस्तकें इस धरोहर को और भी विशिष्ट बनाती हैं। जिस तरह से इन ग्रंथों और पांडुलिपियों को संरक्षित और सुरक्षित किया गया है, वह वास्तव में अद्वितीय और अनुकरणीय है।