बिहार के मुंगेर जिले में एक बड़ी पुलिस कार्रवाई में वर्षों से फरार चल रही महिला नक्सली सबीता कोड़ा उर्फ सबिया कोड़ा को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी बिहार पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के संयुक्त ऑपरेशन के तहत की गई, जिसमें हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के जटातरी जंगल से सबीता को धर-दबोचा गया। सबीता को कई नक्सली घटनाओं में मुख्य आरोपी के रूप में नामजद किया गया था, और वह लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रही थी।
खास ऑपरेशन: एसटीएफ और जिला पुलिस का संयुक्त अभियान
एसटीएफ जमालपुर यूनिट और मुंगेर जिला पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया गया। ऑपरेशन का नेतृत्व एएसपी (ऑपरेशन) कुणाल कुमार और खड़गपुर के डीएसपी चंदन कुमार कर रहे थे। पुलिस को यह बड़ी सफलता खड़गपुर क्षेत्र के जटातरी जंगल में मिली, जो नक्सल गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है। गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए इस अभियान में महिला नक्सली को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया।
अतीत का खूनी इतिहास: कई वारदातों में थी शामिल
गिरफ्तार की गई सबीता कोड़ा, मूल रूप से जमुई जिले के बरहट थाना अंतर्गत चोरमारा गांव की रहने वाली है। उसके पिता का नाम सिकंदर कोड़ा है, और उसकी शादी खड़गपुर थाना क्षेत्र के जटातरी गांव के जागेश्वर कोड़ा से हुई थी। सबीता नक्सली संगठन के महिला दस्ते की सक्रिय सदस्य रही है और उसने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था।
साल 2008-09 के दौरान जब नक्सली संगठन बिहार में अत्यधिक सक्रिय था, उसी समय सबीता ने जमुई और खड़गपुर क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया। वह महिला दस्ते की अहम सदस्य थी और उसके ऊपर कई संगीन अपराध दर्ज हैं।
ऋषिकुंड हत्याकांड: पुलिस जवानों की निर्मम हत्या में रही शामिल
सबीता कोड़ा वर्ष 2014 में खड़गपुर थाना क्षेत्र के ऋषिकुंड में घटी एक वीभत्स घटना में भी नामजद है। इस घटना में चार पुलिस जवानों की निर्मम हत्या कर दी गई थी और उनके हथियार लूट लिए गए थे। यह वारदात पूरे राज्य को झकझोर कर रख देने वाली थी, और तभी से सबीता फरार चल रही थी।
हरकुंडा मुठभेड़ मामला: पुलिस से सीधी भिड़ंत
इसके अलावा वर्ष 2020 में खड़गपुर थाना क्षेत्र के हरकुंडा घोड़ाखुर जंगल में हुई पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में भी सबीता को नामजद किया गया था। इस घटना में खड़गपुर थाना में कांड संख्या 201/20 दर्ज है, जिसमें सबीता की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई थी। मुठभेड़ के बाद से ही वह भूमिगत हो गई थी और पुलिस की नजरों से बचती रही।
चार प्राथमिकी दर्ज, कई आपराधिक मामलों में वांछित
खड़गपुर डीएसपी चंदन कुमार ने बताया कि सबीता कोड़ा के खिलाफ खड़गपुर थाना में कम से कम चार नक्सली घटनाओं को लेकर प्राथमिकी दर्ज है। वह लंबे समय से पुलिस की नजर में थी लेकिन जंगल और ग्रामीण इलाकों में छिपकर वह पुलिस को चकमा देती रही। अब जब पुलिस और एसटीएफ ने साझा रणनीति अपनाई, तो वह आखिरकार गिरफ्त में आ गई।
न्यायिक हिरासत में भेजी गई सबीता, जांच जारी
गिरफ्तारी के बाद सबीता कोड़ा को मुंगेर सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया, जहां उसकी स्वास्थ्य जांच की गई। इसके बाद उसे आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है ताकि संगठन के अन्य सदस्यों और उनके ठिकानों की जानकारी हासिल की जा सके।
अभियान की सफलता: पुलिस की मुस्तैदी से बड़ा नक्सली नेटवर्क कमजोर
इस गिरफ्तारी को पुलिस और एसटीएफ की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। वर्षों से फरार महिला नक्सली की गिरफ्तारी ने नक्सली संगठन के नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार पुलिस और एसटीएफ संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ पूरी मुस्तैदी से अभियान चला रही है।