मुंगेर के हवेली खड़गपुर में महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा का हुआ अनावरण, बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने किया प्रतिमा का अनावरण, राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक मनोज कुमार सिंह के द्वारा की गई महान विभूति की प्रतिमा का स्थापना। अपने संबोधन में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा अगर बापू नहीं होते तो देश आजाद नहीं हो पाता .बापू ने बिना अस्त्र-शस्त्र के अ¨हसा रूपी हथियार से अंग्रेजों को भारत छोड़ने को विवश किया। उन्होंने हवेली खड़गपुर नगर वासियों से सामूहिक एकता बनाए रखने की भी अपील की।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर के हवेली खड़गपुर में सोमवार को नगर के झील पथ स्थित राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय में अहिंसा दिवस पर विद्यालय के शिक्षक और पूर्ववर्ती छात्र रहे मनोज कुमार सिंह के द्वारा महात्मा गांधी और माता कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई . विद्यालय परिसर में बापू और कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा का अनावरण बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने किया. गांधी जी के पुण्य तिथि के अवसर पर नगर के राजकीय प्लस टू विद्यालय की ओर से एक समारोह आयोजित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया. संचालन विद्यालय के शिक्षक उमाशंकर सिंह ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सम्राट चौधरी ने कहा कि खड़गपुर वासियों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. काफी दिनों के इंतजार के बाद देश को आजादी दिलानेवाले साबरमती के संत महात्मा गांधी की प्रतिमा का शहर में अनावरण हो सका .अगर बापू नहीं होते तो देश आजाद नहीं हो पाता .बापू ने बिना अस्त्र-शस्त्र के अ¨हसा रूपी हथियार से अंग्रेजों को भारत छोड़ने को विवश किया।
उन्होंने कहा कि प्रतिमा स्थापना जैसे पुण्य कार्य में विद्यालय के शिक्षक मनोज सिंह समेत विद्यालय परिवार एवं खड़गपुर वासियों का पूर्ण सहयोग रहा है .उन्होंने नगर वासियों से सामूहिक एकता बनाए रखने की भी अपील की। वही शिक्षक संघ के नेता राम पुकार सिंह ने कहा की महात्मा गांधी से पूर्व देशभक्तों ने हिंसा का सहारा लेकर आंदोलन चलाया जो सफल नहीं हुआ .उसे कभी भी अंग्रेज दुराचारी निगल सकते थे .इस बात को बापू ने बड़ी गंभीरता से पहचान कर अ¨हसात्मक आंदोलन आरंभ किया और लोगों को शामिल होने को प्रेरित करने का काम किया. उन्होंने कहा की बापू ने विश्व को एक नया संदेश दिया कि बगैर हथियार के अ¨हसात्मक लड़ाई से बड़े साम्राज्यवादी शासक को भी झुकाया जा सकता है। इस मौके पर प्रोफेसर राम चरित्र सिंह , रविंद्र सिंह कल्लू ,जितेंद्र कुशवाहा , दुर्गेश सिंह ,मिथिलेश सिंह , रजनीश झा, शंभू केसरी आदि उपस्थित थे.