मुंगेर में 41 लाख की ठगी: सस्ता सामान देने के नाम पर व्यवसायियों को लूटा, आरोपी फरार

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मुंगेर जिले में व्यापारिक क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ एक व्यवसायी ने सस्ते दर पर सामान देने का प्रलोभन देकर शहर के दर्जनों व्यवसायियों से लगभग 41 लाख रुपए की ठगी कर ली। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़ी बाजार इलाके की है, जहाँ आरोपी लखनऊ निवासी मनोज अग्रवाल ने किराए के मकान में व्यवसाय शुरू किया था। शुरुआत में उसने स्थानीय व्यवसायियों को सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध कराने का वादा किया और धीरे-धीरे उनका विश्वास जीत लिया।

धीरे-धीरे विश्वास बना, फिर लाखों की ठगी कर हुआ फरा

स्थानीय व्यवसायी लोकेश जैन, जिनके मकान में मनोज अग्रवाल किरायेदार के रूप में रह रहा था, ने बताया कि उसकी मुलाकात मनोज से लगभग पाँच वर्ष पहले हुई थी। मनोज आर्थिक रूप से कमजोर दिख रहा था, जिस कारण लोकेश ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उसे अपने मकान में व्यवसाय के लिए दुकान दे दी। मनोज ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए स्थानीय बाजार के व्यापारियों से संपर्क बनाना शुरू किया और उन्हें सस्ता सामान देने का भरोसा दिलाया। कुछ महीनों में ही उसने कई व्यापारियों से नकद पैसे लेकर ऑर्डर लेना शुरू कर दिया।

सोमवार को हुआ खुलासा, दुकान और मकान दोनों खाली

इस सप्ताह सोमवार को जब अचानक मनोज अग्रवाल के फरार होने की खबर फैली, तो व्यवसायियों के होश उड़ गए। जब लोग उसके किराए के मकान पर पहुँचे तो पाया कि दरवाजा खुला है लेकिन अंदर से सारा सामान गायब था। दुकान में भी लॉकर खुला पड़ा था और उसमें कुछ नहीं बचा था। यह देखकर अन्य व्यापारी भी पहुँचे और सबने मिलकर ठगी की बात स्वीकार की। बताया गया कि कुल मिलाकर करीब 41 लाख रुपए की ठगी की गई है, जिसमें कई व्यापारियों की गाढ़ी कमाई शामिल है।

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प्राथमिकी दर्ज, पुलिस जांच में जुटी

ठगी का शिकार हुए व्यवसायी लोकेश जैन ने इस संबंध में कोतवाली थाना में एक लिखित आवेदन देकर मनोज अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। कोतवाली थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि मामला गंभीर है और प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। फिलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है और उसके मोबाइल नंबर भी बंद हैं। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।

व्यापारियों में आक्रोश, बढ़ी चिंता

इस घटना के बाद से स्थानीय व्यापारियों में भारी आक्रोश है। व्यापार मंडल से जुड़े कई सदस्य भी इस मामले में सक्रिय हो गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि इस तरह के फर्जी व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे भी ऐसे धोखेबाज समाज में विश्वास को चोट पहुँचाते रहेंगे। वहीं, यह घटना उन व्यवसायियों के लिए भी एक चेतावनी बन गई है, जो बिना पूरी जांच-पड़ताल किए व्यापारिक संबंध बनाते हैं।

अंतिम बात – सिखाता है सतर्कता का सबक

यह मामला न केवल एक आर्थिक अपराध है, बल्कि समाज में बढ़ती हुई भरोसे की कमी का भी संकेत देता है। जब कोई व्यक्ति विश्वास जीतकर इतने बड़े स्तर पर ठगी कर सकता है, तो समाज को और सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ाएगी, ताकि ठगी के शिकार हुए व्यवसायियों को न्याय मिल सके और ऐसे अपराधियों को सबक सिखाया जा सके।

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