मुंगेर सदर अस्पताल परिसर में एक भव्य शिलान्यास समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इस समारोह के दौरान उन्होंने 4.71 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 11 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। यह स्वास्थ्य केंद्र बिहार की ग्रामीण और कस्बाई आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक अहम कदम है।
दो दिवसीय दौरे पर मुंगेर पहुंचे मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय अपने दो दिवसीय दौरे के तहत बुधवार की शाम मुंगेर पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने मुंगेर सदर अस्पताल के मॉडल ब्लॉक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं, स्टाफ की उपस्थिति और मरीजों को दी जा रही सेवाओं का गहन अवलोकन किया।
गुरुवार सुबह करीब 9 बजे वे दोबारा सदर अस्पताल परिसर पहुंचे, जहां शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था। इस मौके पर मुंगेर और तारापुर के विधायक, सदर अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी, और बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता (आशा दीदी) भी मौजूद थीं।
मंत्री ने गिनाई सरकार की स्वास्थ्य उपलब्धियां
अपने भाषण में मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद खराब स्थिति में थी। अस्पतालों में ना तो पर्याप्त डॉक्टर थे और ना ही दवाइयों की व्यवस्था। लेकिन अब हालात काफी बदल चुके हैं। उन्होंने बताया कि आज बिहार के हर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया है।
कोरोना महामारी के बाद राज्य सरकार ने अस्पतालों में बेड की संख्या में भारी इजाफा किया है। साथ ही, पंचायत स्तर पर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) को सशक्त किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
टीकाकरण और कैंसर वैक्सीन में बिहार अग्रणी
मंत्री ने कहा कि टीकाकरण के क्षेत्र में भी बिहार ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। चार महीने पहले ही बिहार देश का पहला राज्य बना जिसने 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को बच्चेदानी के मुख (सर्वाइकल कैंसर) से बचाव के लिए वैक्सीन देना शुरू किया। यह कदम राज्य में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सोच को दर्शाता है।
बच्चों के लिए हृदय योजना और स्टाफ बहाली]
उन्होंने बताया कि बाल हृदय योजना के तहत ऐसे बच्चों जिनके हृदय में जन्मजात छेद है, उनका इलाज अब राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।
इसके अलावा, ANM, GNM, पारा मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों की भारी संख्या में नियुक्तियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में पहली बार 7468 एएनएम की नियुक्ति की गई है। अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।