मुंगेर में पुरानी दुश्मनी का खूनी अंजाम: भाजपा नेता के घर से पार्टी कर निकले युवक की गोली मारकर हत्या

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मुंगेर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में बीती रात एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है। पुरानी दुश्मनी के चलते अपराधियों ने एक युवक को सिर में गोली मारकर ठिकाने लगा दिया। मृतक की पहचान रविश पासवान के रूप में हुई है, जिसका पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रहा है।

क्या हुआ था?

  • घटना महेशपुर गांव की है, जहां रविश पासवान और उसके साथी एक स्थानीय भाजपा नेता के घर पार्टी करके लौट रहे थे।
  • तभी पहले से घात लगाए अपराधी छोटू मंडल और उसके साथियों ने पीछे से हमला कर रविश के सिर में गोली मार दी।
  • मौके पर मौजूद एक अन्य शख्स अमित को भी अपराधियों ने मारने की कोशिश की, लेकिन वह भागने में सफल रहा।

पुरानी दुश्मनी का खूनी नतीजा

सूत्रों के मुताबिक, रविश और छोटू मंडल के बीच 2020 में होली के दौरान गोलीबारी हुई थी, जिसमें छोटू के भाई की मौत हो गई थी, जबकि रविश भी घायल हुआ था। माना जा रहा है कि इसी बदले की भावना से छोटू ने रविश को निशाना बनाया।

पुलिस जांच में जुटी

घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों से पूछताछ की जा रही है, साथ ही हत्यारों की तलाश जारी है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह खबर?

  • पुरानी आपराधिक दुश्मनी – यह घटना दिखाती है कि कैसे पुराने झगड़े खून-खराबे का रूप ले सकते हैं।
  • राजनीतिक संदर्भ – मृतक एक भाजपा नेता के घर से पार्टी करके लौट रहा था, जिससे घटना में राजनीतिक पहलू भी जुड़ सकता है।
  • कानून-व्यवस्था पर सवाल – मुंगेर लंबे समय से आपराधिक घटनाओं के लिए चर्चित रहा है, यह मामला फिर से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
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अब देखना यह है कि पुलिस कितनी जल्दी हत्यारों को पकड़ती है और क्या इस मामले में कोई बड़ा खुलासा होता है।

राजनीतिक कनेक्शन: भाजपा नेता का घर क्यों चर्चा में?

  • मृतक रविश पासवान स्थानीय भाजपा नेता के घर से पार्टी करके लौट रहा था।
  • इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह हत्या सिर्फ पुरानी दुश्मनी का नतीजा है या इसमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भी शामिल है?
  • भाजपा नेता ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विरोधी दलों ने इस मामले को उठाना शुरू कर दिया है।

पुलिस की कार्रवाई: क्या हत्यारों को पकड़ पाएंगे?

  • मुंगेर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम बनाई है।
  • छोटू मंडल और उसके साथियों की तलाश जारी है।
  • पुलिस मृतक के परिवार और साथी अमित से पूछताछ कर रही है।

निष्कर्ष: क्या सबक मिलता है?

  • यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि बिहार में आपराधिक गुटों और राजनीतिक संरक्षण का खतरनाक गठजोड़ जारी है।
  • पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो अपराधियों का हौसला बढ़ता रहेगा।
  • स्थानीय नेताओं को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके आसपास किसी प्रकार का आपराधिक नेटवर्क न पनपे।

अंतिम सवाल: क्या मुंगेर में कानून-व्यवस्था सुधर पाएगी?

इस घटना के बाद एक बार फिर मुंगेर की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। क्या पुलिस इस बार दोषियों को सख्त सजा दिला पाएगी, या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? समय बताएगा।

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