मुंगेर में मिले काले भालू के 2 बच्चे, वृक्ष के नीचे ठंड में ठिठुर रहे थे दोनों, लकड़हारे ने बचाकर वन विभाग को सौंपा

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मुंगेर के भीम बांध वन आश्रयणी क्षेत्र अंतर्गत धरहरा के जंगलों में लकड़हारे को मिला काले भालू के दो बच्चे। लकड़हारे ने दोनों बच्चे को सुरक्षित लाया घर और वन विभाग को दी इसकी सूचना, सूचना पर पहुंची वन विभाग ने लकड़हारे से किया रेस्क्यू चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन बिहार के निर्देश पर भेजा जा रहा पटना जू. जहां दोनो भालुओं के बच्चे का होगा देखभाल।

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रिपोर्ट – रोहित कुमार

दरअसल मुंगेर जिला अंर्तगत पड़ने वाले भीम बांध वन आश्रयणी में उस समय वन विभाग हरकत में आई जब पता चला की धरहरा के जंगलों में एक लकड़हारे को काले भालू के दो नवजात बच्चे मिला है। जिसके बाद डीएफओ गौरव ओझा के निर्देश पर रेंजर की टीम ने लकड़हारे के घर पहुंच कर दोनो बच्चे को रेस्क्यू किया। मिली जानकारी के अनुसार भालू के बच्चे गोरिया गांव निवासी आदिवासी लकड़हारे अजय कोड़ा को मिला। उन्होंने कहा बताया कि हम जंगल में हर रोज जलावन के लिए सूखे लकड़ी चुनने जाते है इसी कर्म में जब आज लकड़ी चुनकर लौट रहे थे तो तभी एक वृक्ष के नीचे दोनो भालू के नन्हे बच्चे ठंड से काफी विलख रहे थे जिससे उसे दया आ गई और वो उसे अपने साथ घर ले आया।

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जिसके बाद इसकी सूचना उन्होंने वन विभाग को दी. वन विभाग ने वहां पहुंचकर उसे रेस्क्यू कर लिया है। इस मामले में डीएफओ गौरव झा ने बताया कि हवेली खड़गपुर के भीम बांध वाले जंगल,गंगटा जंगल एवं धराहरा के जंगल भालू के लिए अनुकूल है। इसका कई बार प्रमाण भी मिला है। इससे पहले भी भालू के बच्चे मिले है। इस बार जो भालू के बच्चे मिले है वो काफी छोटे और नवजात है एसे में उन्हें अभी जंगल में छोड़ना काफी खतरनाक है। इस कारण चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन बिहार के निर्देश के बाद पटना जू को हैंड ओवर किया जा रहा है ताकि उन बच्चो का सही तरीका से लालन पालन किया जा सके। इसको लेकर मुंगेर वन विभाग अपनी पूरी तैयारी कर रही है। फिलहाल डॉक्टरों को बुला दोनो बच्चे को दिखवाया जा रहा है। साथ ही बताया की भालू का शावकों का मिलना काफी हर्ष की बात है।

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