मुंगेर में डीलर के द्वारा दिए गए चावल में प्लास्टिक चावल मिलने की बात को लेकर लाभुकों में अफरा तफरी, लोगों के अनुसार जब उन्होंने ने डीलर से मिले चावल को पकाया तो कई दाने नही पके और जो देखने में प्लास्टिक के चावल जैसे दिख रहे है। जिसके बाद नाराज लोगों ने एमओ से की शिकायत, शिकायत पर जांच के लिए पहुंचे एमओ, जांचोपरांत अधिकारियों ने प्लास्टिक का चावल होने की बात से किया इनकार। और कहा सरकार के द्वारा इसी माह से दिया जा रहा है फोर्टीफाइड चावल। इसी लिए लोगों को लगता है कि प्लास्टिक का चावल है। इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर के तारापुर अनुमंडल कार्यालय पदाधिकारी आवास के समीप फजेलीगंज गोढ़ी टोला में राशन के खाद्यान्न को लेकर अफरा तफरी मच गई। 21 लाभुकों में उस समय हड़कंप मच गया जब घर में चावल बनाया गया तो कुछ चावल पका ही नहीं। जिसके बाद लोगों ने मीडियाकर्मियों पर विश्वास करके उनको सूचना दिया। मीडियाकर्मियों की वहाँ की उपभोक्ता बतासिया देवी,आरती देवी,अनिता देवी ने बताया कि उन्हें 49 किलो, 48 किलो एवं 63 किलो चावल दिया गया था। डीलर द्वारा दिये गए चावलों में एक किलो चावल में लगभग 50 से 100 ग्राम चावल पकता नही है एवं देखने से प्लास्टिक का लगता है।
सूचना पर एमओ तारापुर राहुल कुमार एवं असरगंज के एमओ लोकेश कुमार ठाकुर भी जांच के लिए पहुंचे। जांचोपरांत अधिकारियों ने प्लास्टिक का चावल होने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जागरूकता की आवश्यकता है। वही इस संबंध में तारापुर एमओ राहुल कुमार ने बताया कि सरकार के द्वारा इसी माह से फोर्टीफाइड चावल दिया जा रहा है। यह एक प्रतिशत ही रहता है। फोर्टीफाइड राइस में जो एक प्रतिशत हम मिलाया जाता है ,उसे पीसकर उसमें पोषक तत्व की मात्रा बढ़ाई जाती है । चावल में मिलाकर उसे डिस्पैच किया जाता है। क्योंकि पहली बार यह आ रहा है, इसी लिए उपभोक्ताओं को लगता है कि प्लास्टिक चावल है। इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। यह सही है कि इसका प्रचार प्रसार लाभुकों के बीच जिस स्तर पर होना चाहिए था वह नहीं हुआ है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। जिससे लोगों का संदेह दूर हो सके। यह प्लास्टिक चावल नही है।