मुंगेर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर सदर प्रखंड में अवस्थित मां सीता का अग्निपरीक्षा का स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वों से भरा सीताकुंड मेला को कैबिनेट से मिला राजकीय मेला का दर्जा। लोगों में खुशी का माहौल । आयुक्त और विधायक ने दी जानकारी
मुंगेर में रामायण काल से धार्मिक मान्यता जहां माता सीता ने अग्नि परीक्षा दिया था वहां आज भी गर्म जल निकलता है। जो सीताकुंड के नाम से प्रसिद्ध है। और सीताकुंड में माघी पूर्णिमा के अवसर पर 01 माह तक लगने वाले मेला को सरकार ने राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। सीताकुंड मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने की मांग वर्षों से की जा रही थी। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विधायक प्रणव कुमार की सक्रियता से सीताकुंड मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त हो सका है।
मुंगेर वासियों के लिए खुशी का माहौल
मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने इसके लिए कई बार सदन में आवाज बुलंद किया था। और पिछले साल डीएम और कमिश्नर के स्तर से सीताकुंड मेला की धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यता को दर्शाते हुए राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। कैबिनेट द्वारा राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने के बाद क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। अब तक न्यास समिति द्वारा चंदा करके मेला का आयोजन किया जाता था।
राजकीय मेले से क्या होंगे फायदे?
अब प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा पर सीताकुंड में एक माह तक लगने वाले मेला का उद्घाटन सरकार के कैबिनेट स्तर के मंत्री के हाथों होगा। मेला को भव्यता प्रदान करने के लिए कम से कम 25 लाख प्रति वर्ष सरकार द्वारा सीताकुंड धार्मिक न्यास समिति को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे सीताकुंड पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर उभर कर सामने आ सकेगा।
अवनीश कुमार सिंह आयुक्त मुंगेर
प्रमंडलीय आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि सीताकुंड की धार्मिक मान्यता एवं ऐतिहासिकता को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सीताकुंड मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। जिस पर कैबिनेट ने राजकीय मेला का दर्जा प्रदान किए जाने स्वीकृति प्रदान की है।
प्रणव कुमार मुंगेर विधायक
वही मुंगेर के भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने कैबिनेट के इस फैसले को अपने जीवन का सबसे अनमोल क्षण बताते हुए कहा कि सीताकुंड को राजकीय मेला का दर्जा दिलाने का उनका प्रण पूरा हो गया।