मुंगेर पहाड़ की तराई में बसा ऋषियों की तपो भूमि ऋषिकुंड अब बनेगा पर्यटन का केंद्र, पर्यटन विभाग ने ऋषिकुंड के सौन्दर्यीकरण के लिए तैयार डीपीआर को दी स्वीकृति। 12.22 करोड़ की लागत से सौन्दर्यीकरण के होंगे कई कार्य, कुंड का सौंदर्यकरण, वाहन पार्किग स्थल, चेंजिंग रूम, शौचालय, बाउंड्री वाल सहित अन्य निर्माण कार्य होंगे। यही लगता है हर साल मेलेमास मेला।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल मुंगेर मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर पहाड़ की तलहटी में अवस्थित ऋंगीऋषि की तपोभूमि गर्म जलकुंड के लिए प्रख्यात ऋषिकुंड को पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर विकसित कियाा जाएगा। दोनों ओर से पहाड़ों से घिरे गर्म जल कुंड के लिए प्रसिद्ध ऋषिकुंड में प्रत्येक तीन साल पर लगने वाले मलमास मेला में लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इस वर्ष भी 18 जुलाई से ही मलमास मेला आरंभ हो गया है। ऋषिकुंड के बारे में पौराणिक मान्यता यह भी है कि राजा दशरथ को यहीं तपस्या करने के बाद भगवान राम जैसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी।
वही दूरदराज से पर्यटक पहुंच सकें इसके लिए जिला प्रशासन के प्रयास से पर्यटन विभाग ने ऋषिकुंड के सौन्दर्यीकरण के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऋषिकुंड में गर्मजल स्त्रोत से निकलने वाले सभी 7 जलकुंड में झरना लगाया जाएगा। गर्मजलकुंड के पानी को लिफ्टिंग कर झरना तक पहुंचाया जाएगा। ऋषिकुंड पहुंचने वाले पर्यटक झरना से गिरने वाले गर्मपानी में स्नान का आनंद ले सकेंगे। ऋषिकुंड के सौन्दर्यीकरण के लिए 12 करोड़ 22 लाख के तैयार डीपीआर को पर्यटन विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
वही जिसमें ऋषिकुंड के 02 मुख्य कुंड और ऋंगििऋषि के आश्रम का सौन्दर्यीकरण के अलावा चेंजिंग रूम, शौचालय, बाउंड्री वाल का निर्माण तथा 50 वाहनों के लिए पार्किंग स्थल का निर्माण कराया जाएगा। प्रसिद्ध पहाड़ की तलहटी में अवस्थित गर्म जल कुंड के लिए प्रसिद्ध ऋषिकुंड को राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटकों के लिए यहां हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराकर इसे विकसित किया जाएगा।
ताकि दूर दराज के पर्यटक यहां पहुंच कर गर्म पानी के झरना में स्नान कर यहां की प्राकृतिक छटा का आनंद ले सकें। ऋषिकुंड में पर्यटकों के ज्यादा संख्या में पहुंचने से यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार की संभावना बढ़ेगी। ऋषिकुंड विकास मंच के लोगों ने बताया की ये कार्य पहले ही हो जाना चाहिए था । ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो । इस बार भी मेले की तैयारी धूम धाम से चल रही है।