बाढ़ ने सबसे ज्यादा यहां मचाई तबाही, थाना, स्वास्थ्य केंद्र और प्रखंड कार्यालय सहित सब बाढ़ के पानी में डूबा

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मुंगेर नगर निगम क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी। शहर में पानी के प्रवेश से जन जीवन हुआ अस्त व्यस्त। सड़कों पर बह रहा है दो फीट से अधिक पानी। प्रशासन ने शहर वासियों को नजदीकी शिविर में जाने की अपील की।

मुंगेर में जल स्तर डेंजर लेवल 39.33 मीटर से 48 सेंटीमीटर ऊपर

दरअसल मुंगेर जिला में बाढ़ का प्रलय लगातार जारी है । जहां दियारा और गंगा तट पर अवस्थित सैकड़ों गांवों और दर्जनों पंचायतों में बाढ़ का पानी लगभग 5 से 6 फीट तक है। तो वहां के लोग ऊंचे स्थान और सरकारी शिविरों में अपना आशियाना बनाए हुए है । तो अब बाढ़ का रौद्र रूप शहरी इलाकों में भी देखेंने को मिलने लगा है ।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार निगम क्षेत्र के शिवनगर वार्ड 41, मोकबीरा (करबला) वार्ड 41, बेलवाघाट वार्ड 41 ,चन्दनबाग नयाटोला वार्ड 41 ,लल्लू पोखर वार्ड 31, हेरुदियारा वार्ड 43 ,भूदान चूहा बाग वार्ड 40 ,गदहियां टोला गैस गोदाम वार्ड 42 लाल दरवाजा , गंगा नगर इन सभी निगम क्षेत्रों में बाढ़ का पानी ने अपना घर बना लिया है । आंकड़ों की बात कहें तो अभी गंगा का जल स्तर डेंजर लेवल 39.33 मीटर से 48 सेंटीमीटर ऊपर है। जिस कारण बाढ़ से मुंगेर शहर अब कराह रहा है।

शहर वासियों ने बताया कि पानी आ जाने से उनका जीना मुहाल हो गया है । लोगों का घर से निकलना तक दूभर है । वहीं इस मामले में मुंगेर जिलाधिकारी निखिल धनराज ने बताया कि अब गंगा का जल स्तर ऊपर से डाउन होने लगा है एक से दो दिनों में यहां भी पानी कम हो जाएगा। तब तक किसी को परेशानी न हो इसके लिए सामुदायिक किचन , शिवर , पशु चार , पन्नी दवाइयों और नाव की व्यवस्था कर दी गई हैं।

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मुंगेर के बरियारपुर में बाढ़ का कहर

मुंगेर जिला का बरियारपुर प्रखंड जिसके कुल 11 पंचायत है और सभी 11 पंचायत पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित हो गया है। इन 11 पंचायतों के लाखों लोग बाढ़ से त्राहिमाम कर रहे है। प्रखंड के विद्यालय , थाना , स्वास्थ केंद्र , प्रखंड और अंचल कार्यालय सहित सभी जगहों पर बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। प्रखंड कार्यालय में पानी आ जाने से सारे सरकारी कार्य बाधित हो रहे है तो वही स्वास्थ्य केंद्रों में पानी से ग्रामीणों को स्वास्थ सेवा नहीं मिल पा रहा है। हालांकि थाना परिसर में पानी तो आ गया पर थाना भवन में पानी नहीं घुसा है। लेकिन फरियादियों को पानी में घुसकर अपनी फरियाद दर्ज करवाना पड़ रहा है।

गावों में जल कैदी बने लोग

गांवों के गलियों सड़क और घरों में पानी घुस जाने के कारण ग्रामीण जल कैदी बन कर रह गए हैं, लोग जुगाड टेक्नोलॉजी से गांव से मुख्य सड़क पर आ रहे है।

हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा कई राहत पहुंचाने के कार्य किया जा रहा है । पर बाढ़ की जो स्थिति बनी है वो इस राहत के सामने कुछ भी नहीं है। पर सुखद बात यह है कि गंगा का पानी पिछले 6 घंटों से स्थिर है । और अब पानी के कम होने की प्रबल संभावना है।

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