मुंगेर के तारापुर के थाना में झंडा फहराने को लेकर शाहिद हुए लोगों के यादों में बना स्मारक और पार्क आज सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा । रख रखाव के अभाव में अपनी पहचान खोता जा रहा पार्क और स्मारक। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मन कि बात में तारापुर शाहिद के विषय में कर चुके है बात।
रिपोर्ट – रोहित कुमार
दरअसल देश की स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले तारापुर के शहीदों के सम्मान में बना स्मारक और पार्क प्रशासनिक अधिकारियों के सुस्ती और लापरवाही से उपेक्षा का दंश झेल रहा है। नीतीश कुमार की सरकार के द्वारा लगभग दो करोड़ की लागत से बने स्थल का रखरखाव नही हो रहा है। जबकि देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी कि बात में इन शहीदों का जिक्र आ चुका है। सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को शहीदों के सम्मान में राजकीय समारोह मनाने का घोषणा के महत्व को भी इसके जिम्मेवार नही समझ पा रहे हैं। सालभर बीत जाने के बाद भी प्रतिमा स्थल की दिवालो पर लगाये गए फाइबर की म्यूरल को नही बदला जा सका है। सौ फीट का तिरंगा लगाने की योजना भी खटाई में पड़ी है।
पार्क में लगे पेड़ पौधा तथा उच्च कोटि के घास पानी के लिए तरस रहे तो बैठने के लिए बनाये गए बेंच के धूल झाड़ने वाले कोई नही है। सामाजिक कार्यकर्ता चंदर सिंह राकेश सहित अन्य लोगों ने कहा कि शहीद स्मारक के मूर्ति एवं पार्क तथा सामने थाना स्थित पार्क के रख रखाव की जिम्मेवारी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को दी गई थी। उन्होंने इसके रख रखाव से इनकार कर दिया। शहीद स्मारक का किसी तरह से मैं करा लेता हूँ,थाना के पार्क का कोई रख रखाव नही है।इस वर्ष के समारोह की तैयारी जिलाधिकारी को करनी है, परन्तु उन्होंने अभी तक कोई बैठक बुलाई नही है। निर्माण में फाइबर के लगे मुरल की जगह मेटल के मुरल समारोह से पूर्व लगाने थे लेकिन अभी तक नही लगा। शहीद स्मारक के अंदर भी सौ फीट का तिरंगा लगा दिया जाए जो शान बान आन से लहराता रहे और लोग गगनचुम्बी झंडे को देखकर शहीदों को भी सलाम करे और अपने पुरखों को याद करे। यह अपने शहीद स्मारक का प्रतीक होगा।