मुंगेर में पीड़ित महिला को न्याय दिलाने राष्ट्रीय संरक्षक महिला विकास मंच की पांच सदस्यीय टीम पहुंची

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राष्ट्रीय संरक्षक महिला विकास मंच कि पांच सदस्यीय टीम नीलम कुमारी को न्याय दिलाने मुंगेर जिला के सुदूर इलाके जनार्दनडीह गांव पहुंची। नीलम कुमारी अपने हकीयत को लेकर बिगत डेढ़ सालों से गांव कि कचहरी से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरवार तक न्याय कि गुहार लगा चुकी है बावजूद अबतक नही मिल पाया है इसे न्याय,इस लिए इसने थक हार कर अंत मे राष्ट्रीय संरक्षक महिला विकास मंच का दरवाजा न्याय के लिए खटखटाया है।

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दरअसल मुंगेर जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित हवेली खड़गपुर प्रखण्ड के दरियापुर-1 पंचायत के जनार्दनडीह गांव निवासी नीलम कुमारी अपने हकीयत को लेकर बिगत डेढ़ सालों से गांव कि कचहरी से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरवार तक न्याय कि गुहार लगा चुकी है बावजूद अबतक इन्हे न्याय नही मिल पाया है ,इस लिए इसने थक हार कर अंत मे राष्ट्रीय संरक्षक महिला विकास मंच का दरवाजा न्याय के लिए खटखटाया है।

पूरा मामला इस प्रकार है नीलम कुमारी अपने पिता कि एकलौती वारिश है और बचपन में ही इसके सर से माँ का साया उठ गया, इसके पिता भुनेश्वर मोदी 3 भाई हीरालाल मोदी,राजपति मोदी और भुनेश्वर मोदी है, इनका सभी भाइयो के बीच आपसी बटवारा हो चुका है बटवारे में तीनों भाइयों को साढ़े दस बीघा-साढ़े दस बीघा जमीन हिसा मिला है।बटवारा के बाद नीलम ने अपने पिता के हिस्से कि जमीन अध बटाई पर खेती के लिए अपने बड़े पापा हीरालाल मोदी को दिया था पर अब उसके बड़े पापा हीरालाल मोदी और उनके बच्चों के मन मे जमीन को लेकर लालचपैदा होगया है अब ये सभी मिलकर नीलम कि जमीन को हड़पना चाहते है।

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वहीं इस मामले में हीरालाल मोदी के पुत्र का कहना है कि नीलम के पिता यानी उसके चाचा बिछिबद थे परन्तु उनकी दो शादी हुई थी लेकिन उनकी कोई भी पत्नी उनके साथ नही रही सभी उसे छोड़कर चली गई हम लोगों ने उनका देख रेख किया है जिसके बदले उन्होंने अपनी सारी सपंत्ति हम लोगों के नाम कर दी है इन सब के बाद भी यदि उनका कोई हक बनता है तो न्यायालय में केस करके आए न्यायालय पर हमें भरोसा है न्यायालय का जोभी फैसला होगा हम उसे मानने को तैयार है पर वहीं पीड़ित महिला नीलम कुमारी कि वस्तु स्थिती को देखा जाए तो वो अपने हक के लिए विगत डेढ़ वर्षो से गांव कि कचहरी से लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरवार तक न्याय कि गुहार लगा चुकी है बावजूद अबतक उसे न्याय नही मिल पाया है।

इस लिए इसने थक हार कर अंत मे राष्ट्रीय संरक्षक महिला विकास मंच का दरवाजा न्याय के लिए खटखटाया जिसके बाद इसकी गुहार पर राष्ट्रीय संरक्षक महिला विकास मंच कि पांच सदस्यीय टीम इसकी मदद ले लिए जनार्दनडीह गांव पहुंची,जब टीम के लोग गांव पहुंचे तो पीड़ित महिला के चाचा और उनके पुत्र लोग टीम के सदस्यों के गांव पहुंचने के पूर्व ही घर में ताला लगाकर फरार हो गए।

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