बिहार विधानसभा चुनाव में जहां बड़े-बड़े नेता अपने समर्थकों और गाड़ियों के काफिले के साथ मैदान में हैं, तो वहीं मुंगेर में एक ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार हैं जो बिना किसी तामझाम के चुनावी रण में उतरे हैं। निर्दलीय उम्मीदवार कृष्ण मंडल अपनी साइकिल से अकेले ही जनता के बीच पहुंच रहे हैं। न उनके पास कोई समर्थकों की भीड़ है, न सुरक्षा कर्मियों का घेरा, न ही भव्य प्रचार वाहन। ये उम्मीदवार पिछले 30 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और अपने अनुभव पर गर्व करते हैं, और अपनी जीत को लेकर दावा भी कर रहे है।
54 वर्षीय साइकिल सवार प्रत्याशी एक अलग अंदाज
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां बड़े-बड़े नेता काफ़िलों और गाड़ियों की लम्बी कतार के साथ प्रचार में जुटे हैं। तो वहीं मुंगेर विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसा चेहरा सामने आया है जो इन सब से बिलकुल अलग और अनोखा है। 54 वर्षीय कृष्णा मंडल जो मुंगेर विधानसभा के मकससपुर निवासी, निर्दलीय प्रत्याशी हैं। जो अपने चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ एक साइकिल और ढेर सारा आत्मविश्वास लेकर मैदान में उतरे हैं। न कोई सपोर्टर की भीड़ है, न सिक्योरिटी, न गाड़ियों का काफिला बस एक साइकिल, एक झोला, और एक पंपलेट यही उनका चुनावी हथियार है।
कृष्णा मंडल बताते है कि मैं भाजपा का पुराना कार्यकर्ता हूं, लेकिन कुछ कारणों से इस बार अकेले मैदान में हूं। राजनीति में मुझे 30 साल का अनुभव है, और जनता मुझे जानती है। इसलिए मैं निडर होकर साइकिल से ही प्रचार करता हूं। दिन भर धूप में साइकिल चलाते हुए वे गांव-गांव, गली-गली पहुंचते हैं। और हर घर के दरवाजे पर दस्तक देते हैं, और अपने हाथ से पंपलेट देकर लोगों से अपनी बातों को बताते है। लोगों का ध्यान खींचा है।
साइकिल बनी चुनाव प्रतीक और पहचान
कई लोग कहते हैं कि “भले ही इनके पास भीड़ नहीं, लेकिन इनके अंदर जनता से जुड़ने की ताकत है। राजनीति की भीड़ और शोरगुल के बीच कृष्णा मंडल जैसे प्रत्याशी इस चुनाव में एक ताज़गी भरी तस्वीर पेश कर रहे हैं। और क्या पता, ये साइकिल चलाते-चलाते मुंगेर की सियासत में कोई नई दिशा भी दिखा जाए।
