भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के विरुद्ध मुंगेर न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया । मामला जदयू के सांसद के द्वारा कार्यकर्ताओं के द्वारा दिए मटन चावल पार्टी पे आपत्तिजनक टिप्पणी का है । इससे पूर्व जेडीयू जिलाध्यक्ष ने सम्राट चौधरी को इस टिप्पणी पे लीगल नोटिस भेज मांगा था जाबाज। असंतुष्ट जबाव मिलने के बाद दर्ज करवाया मानहानि का केस । जिसका कम्पलें केस संख्या 632/c है।
दरअसल मुंगेर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के विरुद्ध मुंगेर सीजीएम के न्यायालय में जदयू जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने 15 मई को एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल में सांसद ललन सिंह के द्वारा मुंगेर के पोलो मैदान में कार्यकर्ताओं के सम्मान भोज के दौरान कार्यकर्ताओं को मटन चावल के साथ शराब परोसने का आरोप लगाया था। प्रदेश अध्यक्ष ने खुलेआम आरोप लगाया था कि जदयू एक ऐसी पार्टी है जो वोट लेने के लिए लोगों को मांस भात के साथ शराब का सेवन कराते हुए वोट देने की अपील करती है।
वही सम्राट चौधरी के इस बयान पर 17 मई को जदयू की ओर से कानूनी नोटिस दी गई थी भिजवाया गया था। जिसमें सम्राट चौधरी से सम्मान भोज के दौरान शराब परोसने का साक्ष्य प्रस्तुत करने अथवा विवादित बयान देने के लिए माफी मांगने का आग्रह करते हुए 15 दिनो के अंदर जवाब मांगा था । और वाजिब जवाब नही देने पर केस करने की बात कही थी । लेकिन प्रदेश अध्यक्ष भाजपा सम्राट चौधरी द्वारा लीगल नोटिस के 9 दिन बाद जो जवाब दिया गया उसमें शराब परोसने का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया और ना ही विवादित बयान देने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी गई।
इससे साफ है की सम्राट चौधरी ने जनता दल यू और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की छवि को बदनाम करने की नियत से इस तरह की बयानबाजी की गई। इस केस के वकील राजकिशोर ने बताया की सम्राट चौधरी द्वारा साक्ष उपलब्ध नहीं कराने और माफी भी नहीं मांगने के बाद पार्टी के निर्देशानुसार जदयू जिलाध्यक्ष नचिकेता मंडल ने सम्राट चौधरी पर सीजीएम के न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया । वहीं नचिकेता मंडल जदयू जिलाध्यक्ष ने कहा की लोकतंत्र में सभी को बोलने की आजादी है।
विकास कार्यों में जहां गड़बड़ी है वहां विपक्षी बोल सकते हैं लेकिन किसी की छवि को खराब करने की उद्देश्य से विवादित बयान पार्टी किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। वह भी तब जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू कराया है और उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर शराब परोसने का आरोप लगे।