मुंगेर विश्वविद्यालय के सभी 33 अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक कुलपति की अध्यक्षता में हुई आयोजित जानिए क्या हुआ

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मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा शनिवार को आर.डी. एंड डीजे कॉलेज, मुंगेर के एलटी-1 कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के अधीनस्थ सभी 33 अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने भाग लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता स्वयं कुलपति प्रोफेसर श्यामा राय ने की। उनके साथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर, डीएसडब्लू (डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. भवेशचंद्र पांडेय, सीसीडीसी डॉ. दिवाकर कुमार तथा नोडल अधिकारी डॉ. सूरज कोनार भी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना, छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा करना तथा सरकार द्वारा निर्धारित शैक्षणिक दिशानिर्देशों को लागू करना था।

सीबीसीएस प्रणाली पर व्यापक चर्चा

बैठक में कुलपति प्रो. श्यामा राय ने प्राचार्यों को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय अब पूरी तरह से “चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS)” को लागू कर चुका है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्राचार्यों को यह जानकारी दी गई कि छात्रों को नामांकन एवं रजिस्ट्रेशन के समय माइनर विषय का चयन करना आवश्यक होगा। इसके साथ ही स्किल इनहांसमेंट कोर्स (Skill Enhancement Course) तथा वैल्यू एडेड कोर्स (Value Added Course) का चयन भी उसी समय करना होगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी महाविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने स्तर पर छात्रों को इन विकल्पों की जानकारी दें और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करें ताकि वे अपने शैक्षणिक और करियर के अनुसार उपयुक्त विषयों का चयन कर सकें। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा विषयों का एक विस्तृत “बास्केट” तैयार किया गया है, जिसमें विभिन्न विषयों की सूची दी गई है।

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नामांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता अनिवार्य

बैठक में यह विशेष रूप से स्पष्ट किया गया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार किसी भी महाविद्यालय द्वारा छात्रों से नामांकन अथवा परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा कि कुछ महाविद्यालयों में स्नातक पार्ट-2 के नामांकन के समय छात्रों से ₹100 या ₹150 की अतिरिक्त राशि ली जा रही है। इस पर कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने सख्त लहजे में कहा कि यह पूरी तरह से गलत है और सरकार की नीति के खिलाफ है। उन्होंने सभी प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे इस पर अविलंब रोक लगाएं और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी छात्र से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त कोई और राशि न ली जाए।

कक्षा संचालन और रूटिन की समय पर आपूर्ति अनिवार्य

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि सरकार बार-बार विश्वविद्यालय से कॉलेजों के कक्षा संचालन से संबंधित रूटिन की जानकारी मांग रही है। इस पर विश्वविद्यालय ने सभी प्राचार्यों से अनुरोध किया कि वे शीघ्र ही कक्षा संचालन की रूपरेखा विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएं, ताकि समस्त रिपोर्टिंग कार्य समय पर किया जा सके। कुलपति ने यह स्पष्ट किया कि अगर रूटिन समय पर नहीं भेजे गए, तो इससे विश्वविद्यालय की साख पर असर पड़ेगा और छात्रों के हित प्रभावित होंगे।

सेलेबस और गाइडलाइन की जानकारी साझा

डीएसडब्लू डॉ. भवेशचंद्र पांडेय ने बैठक के दौरान सभी प्राचार्यों को सीबीसीएस के तहत विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए सेलेबस और सरकार की गाइडलाइन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नए सत्र 2023-27 के स्नातक सेमेस्टर-1 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 8 अगस्त से आरंभ की जा रही है। अतः सभी कॉलेज समय रहते छात्रों को सूचित करें और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराएं।

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विश्वविद्यालय पत्रों के अनुपालन पर विशेष जोर

बैठक के अंतिम चरण में कुलसचिव कर्नल ठाकुर ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को विशेष रूप से निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय की ओर से प्राप्त होने वाले सभी पत्रों, दिशा-निर्देशों और अधिसूचनाओं का अनुपालन अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि कुछ कॉलेजों द्वारा समय पर सूचना न भेजना या आदेशों की अवहेलना करना विश्वविद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचाता है।

निष्कर्ष

मुंगेर विश्वविद्यालय की यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। इसमें शैक्षणिक संरचना को मजबूत करने, पारदर्शिता बढ़ाने, सरकार की नीतियों का अनुपालन सुनिश्चित करने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने जैसे अनेक विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। कुलपति प्रो. श्यामा राय और उनके सहयोगियों द्वारा दिए गए निर्देश आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय और कॉलेजों के कार्यप्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होंगे।

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