मुंगेर जिले के जमालपुर विधानसभा में आज सियासत ने रिश्तों की परिभाषा बदल दी है। जिसमे राजनीतिक रूप से चाचा-भतीजा माने जाने वाले दो नेता अब एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। जदयू ने जमालपुर विधानसभा से इस बार पूर्व मंत्री शैलेश कुमार का टिकट काटकर उनके रिश्ते में लगने वाले भतीजा नचिकेता मंडल को उम्मीदवार बनाया है। नतीजा — दोनों ने आज एक ही सीट से नामांकन दाखिल कर सियासी हलचल तेज कर दी है। जमालपुर में अब मुकाबला सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि रिश्तों का भी है — फैसला अब जनता के हाथ में है।
नामांकन के दिन गर्म हुआ माहौल
दरअसल नामांकन के आखिरी दिन आज जमालपुर में राजनीतिक माहौल काफी गर्म दिखा। सीट बंटवारे के बाद जदयू ने कई पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों पर दांव लगाया है, जिनमें शैलेश कुमार का नाम भी शामिल था। पार्टी के इस फैसले से नाराज शैलेश कुमार ने जदयू से इस्तीफा देकर निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान किया। दोनों ने आज एक ही सीट से नामांकन दाखिल कर सियासी हलचल तेज कर दी है। वहीं जदयू प्रत्याशी नचिकेता मंडल ने कहा कि शैलेश कुमार उनके चाचा समान हैं, उन्होंने घर जाकर आशीर्वाद भी लिया, लेकिन वे नहीं मिले। नचिकेता ने कहा कि युवाओं को मौका देने की बात को चाचा को समझना चाहिए था।
शैलेश कुमार का पलटवार पार्टी ने दिया धोखा
उधर, शैलेश कुमार ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 31 साल की निष्ठा के बाद भी पार्टी ने साथ नहीं दिया। जिसे टिकट दिया गया, वही कभी मुख्यमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करता था। उन्होंने कहा कि जमालपुर की जनता के आग्रह पर वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
वहीं जदयू के अंदरूनी मतभेद पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ना सबका अधिकार है, पार्टी ने अपने स्तर पर फैसला लिया है। पार्टी के वे कार्यकर्ता भी थे। पार्टी ने उन्हें कई बार टिकट भी दिया पांच साल तक राज्य में मंत्री भी थे । अब पार्टी का मर्जी है किसे टिकट दे। उस पर वे प्रक्रिया देना नहीं चाहते है ।
