मुंगेर में लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर तैयारी तेज, सभी छठ घाटों का डीएम एसपी ने किया निरीक्षण। निरीक्षण के क्रम में डीएम ने अधिकारियों को छठ घाटों पर जुटने वाली भीड़ को आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए स्वीप कार्यक्रम के तहत विशेष अभियान चलाने का भी दिया निर्देश।
18 गंगा घाट पर होगी छठ पूजा
दरअसल मुंगेर जिले में छठ महापर्व की तैयारियों का जायजा लेने मुंगेर डीएम निखिल धनराज और एसपी सैयद इमरान मसूद ने नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ शहर के प्रमुख गंगा घाटों का निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार जिले में कुल 18 गंगा घाट है । जहां हजारों की संख्या में छठव्रती भगवान भास्कर को आर्ग देने पहुंचते है। इस कारण अधिकारियों ने घाटों की सुरक्षा व्यवस्था, सफाई कार्य और दलदल की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया।
निरीक्षण के क्रम में ही डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि छठ घाटों पर जुटने वाली भीड़ को आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए स्वीप कार्यक्रम के तहत विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि “छठ पर्व आस्था का पर्व है, और यही अवसर है कि लोगों को लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी के लिए प्रेरित करने का। डीएम ने नगर आयुक्त शिवाक्षी दीक्षित को निर्देश दिया कि सभी घाटों पर मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर-बैनर लगाए, साथ ही माइकिंग व फ्लेक्स के माध्यम से लोगों से मतदान में भाग लेने की अपील की जाए। निरीक्षण के दौरान डीएम और एसपी ने बबुआ घाट, जेल घाट और कष्टहरणी घाट सहित प्रमुख स्थानों का जायजा लिया। और गंगा के बढ़े जलस्तर और दलदल की समस्या को देखते हुए डीएम ने इस वर्ष जेल घाट पर वीआईपी घाट नहीं बनाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि खतरनाक घाटों की सूची तैयार कर शुक्रवार तक समर्पित की जाए। ऐसे घाटों पर लाल कपड़े से खतरे का संकेत, बड़े फ्लेक्स बोर्ड, और बांस-जाल से बैरिकेडिंग कर सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
गोताखोर, मोटरबोट और पुलिस बल्कि तैनाती सख्त रहेगी
डीएम ने बताया कि जरूरत पड़ने पर पानी में तीन फीट की दूरी पर जाल और बांस की बैरिकेडिंग कराई जाएगी। ताकि अर्घ्य के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। सभी घाटों पर मोटरबोट और गोताखोरों की तैनाती रहेगी। एसपी सैयद इमरान मसूद ने कहा कि सभी घाटों पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य समाप्ति के चार घंटे बाद तक जवान वहीं रहेंगे।
इस तरह प्रशासन ने छठ घाटों की सुरक्षा के साथ-साथ मतदाता जागरूकता को भी जोड़कर आस्था और लोकतंत्र दोनों पर्वों का सुंदर संगम पेश किया है।
